शरीर का अनमोल भाग हैं आंखें , प्रत्येक व्यक्ति करे आंखों की विशेष देखभाल :  डा. सुशील चंद्र शर्मा

विश्व ग्लूकोमा सप्ताह पर आशा कार्यकर्ताओं को दिया गया सर्टिफिकेशन कोर्स

शरीर का अनमोल भाग हैं आंखें , प्रत्येक व्यक्ति करे आंखों की विशेष देखभाल :  डा. सुशील चंद्र शर्मा
 
यंगवार्ता न्यूज़ - कुल्लू  05-03-2022
 
विश्व ग्लूकोमा दिवस के उपलक्ष्य में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग कुल्लू के सौजन्य से सीएमओ कार्यालय के सभागार में जिला स्तरीय ग्लूकोमा या काला मोतियाबिंद सप्ताह का आयोजन किया गया जिसमें जिला भर से आशा कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। कार्यक्रम में मुख्य चिििकत्सा अधिकारी डा. सुशील चंद्र शर्मा विशेष रूप से उपस्थित रहे। उन्होंने कहा कि आंखें हमारे शरीर  का सबसे नाजुक तथा अनमोल भाग हैं। आंखें ही हमें संसार की प्रत्येक सुंदर वस्तु को निहारने में अहम भूमिका अदा करती हैं। बिना आंखों से संपूर्ण संसार अधूरा लगता है।
 
इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को अपनी आंखों की विशेष रूप से देखभाल करनी चाहिए। जरूरत के अनुसार आंखों को आराम देना चाहिए,  किताब पढ़ने के बाद , कंप्यूटर तथा मोबाईल पर काम करने के बाद अपने हाथों से आंखों को हल्के से सहलाना चाहिए। ऐसा करने से यह आंखों के लिए ल्यूब्रीकेशन का कार्य करता है तथा इससे आंखों को आराम का अहसास होता है। सभी को समय-समय पर आंखों का विशेषज्ञ चिकित्सक से चेकअप करवाना चाहिए तथा किसी प्रकार की समस्या होने पर तुरंत उपचार करवाना चाहिए। उन्होंने बताया कि अगर शुरू में ही ग्लूकोमा या काला मोतियाबिंद की पहचान हो जाए तो इससे होने वाले अंधेपन से बचा जा सकता है।
 
ग्लूकोमा की पहचान होने पर तुरंत विशेषज्ञ चिकित्सक की सलाह लें। इस बार ग्लूकोमा विश्व दिवस पर द वर्ल्ड इज ब्राइट- सेव युअर साईट थीम दिया गया है। यानी सुंदर संसार को देखने के लिए हमें अपनी आंखों को भी सुंदर व स्वस्थ रखना होगा। उन्होंने बताया कि आशा कार्यकर्ता स्वास्थ्य विभाग की रीढ़ हैं जो ग्रामीण स्तर पर विभाग की प्रत्येक योजना तथा कार्यक्रम को सफल बनाने में अपनी अहम भूमिका निभाते हैं। जिला स्तर पर इस सप्ताह का 28 फरवरी से आयोजन किया जा रहा है। साथ में हेयरिंग डे भी मनाया जा रहा है जो 17 मार्च तक चलेगा।
 
आशा वर्करों के लिए एक सप्ताह का सर्टिफिकेशन कोर्स प्रदान किया जा रहा है। कानों में किसी भी कारण रिसाव होने से  कम सुनाई देना तथा बहरेपन का खतरा अधिक बढ़ जाता है। अपने कानों की समय-समय पर सफाई करवाएं, कान मेें दर्द तथा समस्या होने पर शुरू में विशेषज्ञ चिक्तिसक से सलाह लेकर उपचार करवाएं। कानों को स्वस्थ रखने के लिए ध्वनि प्रदूषण से भी बचना चाहिए। 
 
इस अवसर पर स्टेट ट्रेनर निक्का राम ठाकुर तथा स्वास्थ्य शिक्षक सोहन लाल ने भी आशा कार्यकर्ताओं के लिए आंख तथा कानों की सुरक्षा  तथा उपचार को लेकर महत्वपूर्ण जानकारियां प्रदान कर जागरूक किया। उन्होंने कहा कि इस जानकारी को आशा कार्यकर्ता अपने-अपने क्षेत्र में जाकर लोगों के साथ शेयर करें ताकि अधिक से अधिक लोग आंख तथा कान के रोगों के प्रति सजग तथा जागरूक हो सकें।