स्कूल को भूमि दान करने वाले को नहीं मिली मल्टी टास्क वर्कर की नौकरी , भू-स्वामी ने  कर दी स्कूल की तारबंदी 

हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई मल्टी टास्क वर्कर भर्ती कई स्थानों में विवादों में घिर गई है। कई स्थानों पर स्कूल को भूमि दान करने वाले भू-मालिकों द्वारा स्टाफ और छात्रों का स्कूल में प्रवेश बंद कर दिया

स्कूल को भूमि दान करने वाले को नहीं मिली मल्टी टास्क वर्कर की नौकरी , भू-स्वामी ने  कर दी स्कूल की तारबंदी 

 

यंगवार्ता न्यूज़ - श्री रेणुकाजी  09-08-2022

 

हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई मल्टी टास्क वर्कर भर्ती कई स्थानों में विवादों में घिर गई है। कई स्थानों पर स्कूल को भूमि दान करने वाले भू-मालिकों द्वारा स्टाफ और छात्रों का स्कूल में प्रवेश बंद कर दिया है तो कई स्थानों पर स्कूल के बाहर तारबाड़ की खबरें आ रही है। 

 

ऐसा ही एक मामला जिला सिरमौर के धारटीधार इलाके के राजकीय माध्यमिक विद्यालय भांबी भनोत में सोमवार को सामने आया जहां बच्चे और शिक्षक मुख्य गेट के भीतर प्रवेश नहीं कर सके। बताते है कि सुबह 9:00 से पहले बच्चे और शिक्षक स्कूल पहुंच गए थे। 

 

दरअसल, स्कूल के लिए भूमि दान करने वाले व्यक्ति ने मल्टी टास्क वर्कर की नौकरी न मिलने पर मुख्य गेट को तार-बाड़ लगाकर बंद कर दिया था। भूमि दान कर्ता का आरोप है कि मल्टी टास्क वर्कर ( एमटीडब्ल्यू ) की भर्ती में उन्हें भूमि के अंक नहीं दिए गए। 

 

इससे खफा होकर परिवार ने भांबी भनोत स्कूल का रास्ता बंद कर दिया। करीब दो दर्जन बच्चे और स्टाफ सोमवार सुबह स्कूल के मुख्य द्वार पर ही बैठे रहे। संबंधित परिवार ने स्कूल की बाउंड्री को चारों तरफ से तार-बाड़ से बंद कर दिया था। सूचना मिलते ही प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक ने तीन सदस्यीय टीम बनाकर भेजी।

 

 जिसके चलते बच्चों को एक कमरे में बिठा दिया है। भूमि दान करने वाले व्यक्ति से वार्ता चल रही है। गौर हो कि साल 2004 में इंद्र सिंह ने 28 बिस्वा भूमि भांभीबनोत स्कूल के नाम की थी। मल्टी टास्क वर्कर की भर्ती के लिए इंद्र सिंह की पुत्रवधू आशा देवी ने आवेदन किया था। 

 

परिणाम के दौरान भूमि दान के अंक न जुड़ने से खफा होकर परिवार ने रविवार देर रात को स्कूल के बाहर बाड़ लगाकर रास्ता बंद कर दिया। इससे स्कूल में अध्ययन करने वाले बच्चे और स्टाफ स्कूल नहीं जा सका। भूमि दान कर्ता परिवार ने आरोप लगाया कि राजनीतिक दबाव के चलते उन्हें भूमि दान के अंक नहीं दिए गए हैं। 

 

उधर इस बारे में उप निदेशक प्रारंभिक शिक्षा गुरजीवन कुमार ने बताया कि सूचना मिलते ही बीआरसीसी यशपाल शर्मा, बीईईओ नाहन महिमा दत्त और बिरला स्कूल के प्रधानाचार्य राजकुमार की तीन सदस्यीय टीम मौके पर भेजी है। टीम की रिपोर्ट मिलने पर कार्रवाई की जाएगी। बच्चों को एक कमरे में बैठाया है। भूमि दान करने वाले व्यक्ति से वार्ता चल रही है। राजस्व विभाग को भी सूचना दी है।