यंगवार्ता न्यूज़ - काँगड़ा 18-03-2021
थाना इंदौरा के अंतर्गत पड़ते टांडा पत्तन ब्यास नदी पर बने पुल पर पर चंबा से 403 भेड़-बकरियों को चराने आए दो गडरिये नदी के टापू में फंस गए। उनके एक साथी ने बताया कि प्रेम सिंह व समीर खान तीसा भेड़-बकरियों को व्यास नदी में एक टापू में चरा रहे थे कि अचानक जलस्तर बढ़ गया और वे दोनों भेड़-बकरियों सहित टापू में फंस गए।
देखते ही देखते व्यास दरिया में जलस्तर बढ़ता गया और व्यास नदी का पानी इनके चारों ओर फैल गया।सूचना मिलते ही देर रात एसडीएम इंदौरा सोमिल गौतम और थाना प्रभारी सुरिंदर सिंह पहुंचे। साथ ही नूरपूर स्थित एनडीआरएफ की टीम को सूचित किया और व्यास नदी मे फंसे लोगों को निकालने का प्रयास किया।
रेस्क्यू अभियान सुबह 10 बजे तक चलता रहा और बचाव दल ने सभी पशुधन को पानी से सुरक्षित निकाला । एसडीएम ने बताया कि आज सुबह पुलिस और एनडीआरएफ की टीम की मदद से 403 भेड़ों को टापू से सुरक्षित बाहर निकाला गया। बरसात में बाढ़ आना कोई नई बात नहीं है, पर सूखे के हालात में कोई क्षेत्र तर-तर हो जाए, तो अचरज होना लाजिमी है।
गर्मी में बरसात के हालात बयां करती तस्वीरें आपको भी आचंभित कर देंग। पंजाब से सटे मंड क्षेत्र की दो पंचायतों में गुरुवार को बाढ़ जैसे हालात बन गए। पौंग डैम से ब्यास नदी में छोड़े गए पानी ने भोगरवां और रियाली पंचायत के 15 घरों को अपनी चपेट में ले लिया और देखते ही देखते घरों के इर्द-गिर्द पानी जमा हो गया।
पानी इतना था कि कई बीघा में फैली गेहूं की फसल भी नष्ट हो गई। पीडि़त लोगों का कहना है कि लगातर दो दिन स छोड़े जा रहे पानी ने सब तहस-नहस कर दिया है।
लोगों में रोष है कि पहले जब भी डैम से पानी छोड़ा जाता था, तो प्रशासन इसकी सूचना एक-दो दिन पहले ही दे देता था, लेकिन बिना बरसात ज्यादा मात्रा में पानी छोडऩे से उनकी सैकड़ों एकड़ में फैली फसल बर्बाद हो गई है। मंड बहादपुर के एक शख्स का कहना था कि कल उसकी बेटी की शादी है, लेकिन हर जगह पानी है, ऐसे में वह सारे प्रबंध कैसे कर पाएंगे।