सेब मंडी भट्टाकुफर मंडी में एपीएमसी सचिव पर भड़के आढ़ती , उलटे पांव भागे सेक्रेटरी

हिमाचल सरकार ने सेब को किलो के हिसाब से बेचने का फैसला तो ले लिया, लेकिन अब यही निर्णय गले की फांस बनता जा रहा है। शिमला की भट्टाकुफर मंडी में जब कुछ आढ़ती सेब को किलो के हिसाब से नहीं बेच रहे थे तो इस दौरान कृषि उपज विपणन समिति ( एपीएमसी ) शिमला के सचिव देवराज कश्यप मौके पर पहुंचे और कार्रवाई की बात करने

सेब मंडी भट्टाकुफर मंडी में एपीएमसी सचिव पर भड़के आढ़ती , उलटे पांव भागे सेक्रेटरी

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला  18-07-2023

हिमाचल सरकार ने सेब को किलो के हिसाब से बेचने का फैसला तो ले लिया, लेकिन अब यही निर्णय गले की फांस बनता जा रहा है। शिमला की भट्टाकुफर मंडी में जब कुछ आढ़ती सेब को किलो के हिसाब से नहीं बेच रहे थे तो इस दौरान कृषि उपज विपणन समिति ( एपीएमसी ) शिमला के सचिव देवराज कश्यप मौके पर पहुंचे और कार्रवाई की बात करने लगे। इस पर आढ़ती भड़क गए और एपीएमसी सचिव को मंडी से वापस भागना पड़ा। दरअसल, पराला मंडी सहित कई मंडियों में कुछ बागवान किलो के हिसाब से सेब नहीं बेच रहे। 
 
 
इसे देखते हुए भट्टाकुफर मंडी में भी कुछ आढ़ती बागवानों की मांग पर सेब को किलो के हिसाब से न बेचकर गड्ड में बेचने लगे। राज्य के मार्केटिंग बोर्ड के आदेशानुसार, गड्ड में बेचने की इजाजत नहीं दी जा सकती, क्योंकि बागवानों की मांग पर ही सेब को किलो के हिसाब से बेचने का निर्णय लिया गया है। इससे पहले राज्य सरकार 24 किलो की पैकिंग के निर्णय को लेकर बेक फुट पर आ गई है और बागवान पहले की तरह 30 से 35 किलो तक सेब पेटी में भरकर ला रहे है। 
 
 
इस निर्णय को वापस लेने या कंटिन्यू करने का फैसला मीटिंग में लिया जाएगा। दरअसल, बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने सभी स्टेक होल्डर के साथ सचिवालय में मीटिंग बुलाई है। इसमें 24 किलोग्राम और किलो के हिसाब से सेब पैकिंग के निर्णय को लेकर चर्चा की जाएगी। इसके आधार पर सरकार अगला फैसला करेगी। 
 
 
इससे पहले बागवानी मंत्री के पराला मंडी के दौरे के दौरान ठियोग के विधायक कुलदीप राठौर ही 24 किलो की पैकिंग पर सवाल खड़े कर चुके हैं। उनके बयान के बाद ही सरकार इस निर्णय को आज रिव्यू करेगी।