सामंतशाही सोच बदले हर्षवर्धन , राजनेता से न करें स्वतंत्रता सेनानी की तुलना : भाजपा 

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने शिलाई निर्वाचन क्षेत्र में अपने प्रवास के दौरान आम जनता के अनुरोध पर कफोटा डिग्री कॉलेज व शिलाई डिग्री कॉलेज का नामांकरण स्वामी विवेकानंद व स्वतंत्रता सेनानी विनायक दामोदर सावरकर के नाम पर करने की घोषणा की हैं

सामंतशाही सोच बदले हर्षवर्धन , राजनेता से न करें स्वतंत्रता सेनानी की तुलना : भाजपा 
 

यंगवार्ता न्यूज़ - शिलाई  05-04-2022

 

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने शिलाई निर्वाचन क्षेत्र में अपने प्रवास के दौरान आम जनता के अनुरोध पर कफोटा डिग्री कॉलेज व शिलाई डिग्री कॉलेज का नामांकरण स्वामी विवेकानंद व स्वतंत्रता सेनानी विनायक दामोदर सावरकर के नाम पर करने की घोषणा की हैं। भाजपा शिलाई मण्डल इसका स्वागत करता हैं। यह बहुत ही उचित व भारतीय संस्कृति के इतिहास को गौरवान्वित करने का एक छोटा सा प्रयास किया गया है। भाजपा शिलाई मण्डल अध्यक्ष सूरत चौहान, महामंत्री कमलेश पुंडीर , हरिसिंह ठाकुर, उपाध्यक्ष धनबीर चौहान, जीत सिंह, अरविंद चौहान, इंद्र सिंह व मिया मोहर सिंह, सचिव राजेन्द्र चौहान, ज्ञान शर्मा, प्रेम तोमर, लायकराम मगेट, गोपाल ठाकुर व कार्यालय सचिव देवेंद्र तोमर टीटू व  मीडिया प्रभारी कुलदीप शर्मा ने संयुक्त  बयान में कहा है कि बीते दिनों मुख्यमंत्री द्वारा शिलाई व कफोटा कॉलेज  के नाम महापुरुषों के नाम से करने की घोषणा की हैं।
 
गिरिपार क्षेत्र के लोगों ने इसे एक ऐतिहासिक कदम बताया है। वहीं दूसरी ओर जैसा कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की एक परंपरा रही है कि वह देशभक्त व क्रांतिकारियों को  हमेशा शर्मसार करती रही है। उसी परंपरा का निर्वहन करते हुए वर्तमान शिलाई के विधायक हर्षवर्धन चौहान द्वारा वीर सावरकर के बारे में अभद्र टिप्पणी करना दुर्भाग्यपूर्ण हैं। इस प्रकार की टिप्पणी करने से उनकी सामंतशाही वाली सोच उजागर होती है। किसी राजनेता का स्वतंत्रता सेनानी से तुलना करना बहुत ही अनुचित और अधम सोच को प्रदर्शित करता है। वीर सावरकर जी का योगदान भारत की आजादी के लिए बहुत ही अहम व त्याग की पराकाष्ठा का प्रतीक है।
 
 
उन्होंने अपने जीवन के अहम 10 वर्ष काला पानी, यानी दुनिया की सबसे खूंखार कारागार मे भारत की स्वतंत्रता के लिए बिताए। जीवन की कठोर यातनाएं सेल्यूलर जेल में अंग्रेजों द्वारा उन्हें दी गई। जिन्हें कोलू से बांधकर प्रतिदिन 30 किलो तेल निकलवाया जाता था। उस महान क्रांतिकारी से 30 वर्षों तक सत्ता भोगने वाले स्वतंत्र भारत में कांग्रेस के नेता से तुलना करना अनुचित ही नहीं बल्कि ऐसे नेता की दिवालिया सोच को प्रदर्शित करती है। वंशवाद और सामंतवाद सोच वाले यह वंश वादी लगातार भारत का गौरव बढ़ाने वाले लोगों का अपमान करते रहते हैं।
 
 
शिलाई के वर्तमान विधायक इसका जीता जागता उदाहरण है। उनकी यह हताशा इसलिए बढ़ गई है कि शिलाई  में जिस तरह राज्य खाद्य आपूर्ति निगम के उपाध्यक्ष बलदेव तोमर के सतत प्रयासों के परिणाम स्वरूप शिलाई  क्षेत्र  में जिस तरह विकास की गंगा बही है वह किसी से छिपी नहीं हैं। वह शिलाई क्षेत्रवासियों की उम्मीदों और आकांक्षाओं से बहुत अधिक है।