सोमवती अमावस्या पर गंगा स्नान को उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब , लाखों ने लगाई डुबकी 

आज सोमवती अमावस्या का स्नान है। लगभग ढाई वर्ष बाद हरिद्वार में किसी स्नान पर्व पर इतनी अधिक संख्या में श्रद्धालु देखने को मिल रहे हैं। सड़कों से लेकर गंगा घाट और फिर पौराणिक ब्रह्मकुंड तक हर जगह सिर्फ लोगों की भीड़ ही नजर आ रही है

सोमवती अमावस्या पर गंगा स्नान को उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब , लाखों ने लगाई डुबकी 
 
सन्नी वर्मा - हरिद्वार 30-05-2022
 
आज सोमवती अमावस्या का स्नान है। लगभग ढाई वर्ष बाद हरिद्वार में किसी स्नान पर्व पर इतनी अधिक संख्या में श्रद्धालु देखने को मिल रहे हैं। सड़कों से लेकर गंगा घाट और फिर पौराणिक ब्रह्मकुंड तक हर जगह सिर्फ लोगों की भीड़ ही नजर आ रही है। पौराणिक ब्रह्मकुंड पर रात 12 बजे से ही गंगा में आस्था की डुबकी लगाने वालों का सैलाब उमड़ पड़ा। ब्रह्म मुहूर्त तक गंगा घाट श्रद्धालुओं से खचाखच भर गया। 
 
 
हर किसी में गंगा में डुबकी लगाने की होड़ सी मची नजर आ रही है। सोमवती अमावस्या स्नान का हिंदुओं में विशेष महत्व माना गया है। यही कारण है कि पहले तो सोमवती अमावस्या और फिर सोमवार को ही इसके पड़ने से इसका महत्व और अधिक बढ़ जाता है इसलिए दूर-दूर से श्रद्धालु इस दिन गंगा में डुबकी लगाकर पुण्य कमाना चाहते हैं, सोमवती अमावस्या के स्नान पर्व का विशेष महत्व माना जाता है। सोमवती अमावस्या पर गंगा में स्नान करने के लिए गंगा तटों पर भीड़ लगती है। 
 
 
धर्मनगरी हरिद्वार में भी सोमवार आधी रात से ही गंगा स्नान करने के लिए हरकी पैड़ी पर श्रद्धालुओं की भीड़ जुटनी शुरू हो गई थी। ज्योतिष गणना के मुताबिक, जब सोमवार के दिन अमावस्या पड़ती है तो उस दिन सोमवती अमावस्या कहलाती है। ज्योतिषियों के मुताबिक आज सोमवती अमावस्या पर एक खास योग बन रहा है, इस दिन गंगा स्नान के साथ जप, तप और दान का खास महत्व बताया गया है। पं. मनोज त्रिपाठी (शास्त्री) ने बताया कि जब भी कोई अमावस्या सोम युक्ता अर्थात सोमवार के दिन पड़ेगी तो उसे सोमवती अमावस्या कहा जाता है। 
 
 
अमावस्या स्नान दान के लिए, पितरों के लिए बहुत ही पुण्य दाई होती है, इस दिन जो लोग अपने पितरों के निमित्त पूजा-अर्चना, दान इत्यादि करते हैं, उनके पितर तृप्त रहते हैं और उनका घर धन-धान्य से भरा रहता है। आज के दिन वट सावित्री की पूजा का भी बहुत महत्व है। पति की लंबी आयु और घर में खुशहाली के लिए इस दिन महिलाएं वट की पूजा भी करती हैं, आज के दिन ही महिलाएं वट सावित्री का व्रत भी रखती हैं।
 
 
 सोमवती अमावस्या पर गंगा स्नान का भी विशेष महत्व है. आज के दिन हर की पौड़ी पर गंगा स्नान कर जो व्यक्ति अपने पुरोहितों, ब्राह्मणों को दान इत्यादि करता है, वह उसके पितरों को तो प्राप्त होता ही है, साथ ही उसको भी उसका कई गुना फल मिलता है। यदि कोई आज के दिन गंगा स्नान करने आ नहीं सकता तो वह घर पर ही गंगा जी का ध्यान कर स्नान करें, तो उसे भी वही फल प्राप्त होता है, जो गंगा स्नान करके प्राप्त होता है।