सरदार पटेल की 147वीं जयंती पर नेहरू युवा केन्द्र हमीरपुर द्वारा रन फॉर यूनिटी दौड़ का आयोजन 

भारतीय इतिहास की महानतम विभूति लौहपुरूष सरदार वल्लभ भाई पटेल की 147वीं जयंती के अवसर पर युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय के नेहरू युवा केन्द्र हमीरपुर द्वारा ‘रन फॉर यूनिटी’ शीर्षक से राष्ट्रीय एकता दिवस ' रन ऑफ यूनिटी " के उपलक्ष पर GSSS जौडे अम्ब में NCC व NSS के छात्रों द्वारा दौड़ का आयोजन

सरदार पटेल की 147वीं जयंती पर नेहरू युवा केन्द्र हमीरपुर द्वारा रन फॉर यूनिटी दौड़ का आयोजन 

यंगवार्ता न्यूज़ - हमीरपुर      31-10-2022

भारतीय इतिहास की महानतम विभूति लौहपुरूष सरदार वल्लभ भाई पटेल की 147वीं जयंती के अवसर पर युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय के नेहरू युवा केन्द्र हमीरपुर द्वारा ‘रन फॉर यूनिटी’ शीर्षक से राष्ट्रीय एकता दिवस ' रन ऑफ यूनिटी " के उपलक्ष पर GSSS जौडे अम्ब में NCC व NSS के छात्रों द्वारा दौड़ का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम  में स्कूल के DP राजेश कुमार व PTI सुरेंद्र राणा और नोडल क्लब के प्रधान अवतार सिंह और साथ ही स्वायसेवीका शिवानी व उमा देवी भी उपस्थित रही। इस 'रन ऑफ यूनिटी ' में लग भाग 50 बच्चो ने भाग लिया। नेहरू युवा केन्द्र हमीरपुर की जिला युवा अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर जनसामान्य विशेषकर युवाओं में देशभक्ति एवं राष्ट्रीय एकता की भावनाओं को सुदृढ़ करने के लिए देश के प्रत्येक जिले में अधिक से अधिक ‘रन फॉर यूनिटी’ के आयोजन किये जायेंगे।  

उन्होंने बताया कि त्याग, तपस्या, निर्भयता एवं राष्ट्र के प्रति अप्रतिम रूप से समर्पित लौहपुरूष सरदार वल्लभ भाई पटेल ने न केवल भारत के स्वतंत्रता संग्राम में अग्रणी भूमिका का निर्वहन किया वरन विभिन्न रियासतों में बिखरे भारत के भूराजनीतिक एकीकरण में केंद्रीय भूमिका निभाने के लिए सरदार वल्लभ भाई पटेल को भारत का बिस्मार्क और लौह पुरूष भी कहा जाता है। 

बारदोली सत्याग्रह का नेतृत्व कर रहे पटेल को सत्याग्रह की सफलता पर वहाँ की महिलाओं ने उन्हें सरदार की उपाधि प्रदान की थी । स्वतंत्रता संग्राम में अभूतपूर्व योगदान के अतिरिक्त सरदार पटेल को स्वतंत्र भारत के प्रथम उपप्रधानमंत्री एवं गृह मंत्री के रूप में उनके स्वर्णिम कार्यकाल के कारण भी अत्यंत आदर से याद किया जाता है।

गृहमंत्री के रूप में सरदार पटेल पहले व्यक्ति थे जिन्होंने भारतीय नागरिक सेवाओं ‘आईसीएस’ का भारतीयकरण कर इन्हें भारतीय प्रशासनिक सेवाएं “आईएएस” बनाया । सरदार वल्लभ भाई पटेल को मरणोपरान्त वर्ष 1991 में भारत के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया था, यह अवार्ड उनके पौत्र विपिनभाई पटेल द्वारा स्वीकार किया गया । 

सरदार पटेल की गाँधीजी के प्रति श्रद्धा :

महात्मा गाँधी के प्रति सरदार पटेल की अटूट श्रद्धा थी। गाँधीजी की हत्या से कुछ क्षण पहले निजी रूप से उनसे बात करने वाले पटेल अंतिम व्यक्ति थे। उन्होंने सुरक्षा में चूक को गृह मंत्री होने के नाते अपनी ग़लती माना। उनकी हत्या के सदमे से वे उबर नहीं पाये  गाँधीजी की मृत्यु के दो महीने के भीतर ही सरदार पटेल को दिल का दौरा पड़ा था।