हिमाचल की कमजोर अर्थव्यवस्था को लेकर श्वेत पत्र लाएगी राज्य सरकार : मुख्यमंत्री

हिमाचल प्रदेश की कमजोर अर्थव्यवस्था को लेकर राज्य सरकार श्वेत पत्र लाएगी। विधानसभा के बजट सत्र के अंतिम दिन मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने सदन में यह जानकारी विधायक राजेंद्र राणा की ओर से नियम 130 के तहत प्रदेश में आर्थिकी सुदृढ़ व आत्मनिर्भर और फिजूलखर्ची कम करने पर लगाए गए प्रस्ताव के जवाब में दी

हिमाचल की कमजोर अर्थव्यवस्था को लेकर श्वेत पत्र लाएगी राज्य सरकार : मुख्यमंत्री

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला    06-04-2023

हिमाचल प्रदेश की कमजोर अर्थव्यवस्था को लेकर राज्य सरकार श्वेत पत्र लाएगी। विधानसभा के बजट सत्र के अंतिम दिन मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने सदन में यह जानकारी विधायक राजेंद्र राणा की ओर से नियम 130 के तहत प्रदेश में आर्थिकी सुदृढ़ व आत्मनिर्भर और फिजूलखर्ची कम करने पर लगाए गए प्रस्ताव के जवाब में दी। 

सीएम ने कहा कि साढ़े चार साल में प्रदेश की अर्थव्यवस्था पटरी पर आएगी। 10 साल में हिमाचल सुंदर प्रदेश बनेगा। सरकार इस पर तेजी से काम कर रही है। राज्य की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है।

ये हालात अब के नहीं, बल्कि पहले से चल रहे हैं। 100 दिन के भीतर सरकार को 6,000 करोड़ का कर्जा लेना पड़ा है। पूर्व भाजपा सरकार ने आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए कुछ नहीं किया। आज हिमाचल के हर व्यक्ति पर 92,833 रुपये का है। 

आर्थिक स्थिति ठीक न होने से विधायकों की क्षेत्र विकास निधि की अंतिम किस्त रोकनी पड़ी। प्रदेश की खराब माली हालत के बावजूद पूर्व सरकार ने अपने कार्यकाल के अंतिम छह महीने में बिना आधारभूत ढांचे व राजनीतिक लाभ लेने के लिए 920 संस्थान खोल दिए। 

अगर इन पर विचार किया जाता तो कर्मियों और अधिकारियों को तनख्वाह देने के लिए सरकार के पास पैसे नहीं होते। हिमाचल की भी श्रीलंका जैसी हालत हो जाती। 922 करोड़ रुपये डीए का देना है।

व्यवस्था सुधारने के लिए कड़े फैसले लेने की जरूरत है। केंद्र ने जून 2022 के बाद जीएसटी का मुआवजा देना बंद कर दिया। प्रदेश में आय के साधन कम है। ऐसे वाटर सेस, आबकारी नीति और बिजली प्रोजेक्ट से आय कमाने का साधन तलाशा है। 

शराब ठेकों की नीलामी से 40 फीसदी आय बढ़ी है। पहले यह 10 फीसदी थी। डीजल पर सेस बढ़ाने से भी आय हो रही है। शांगटांग प्रोजेक्ट 2025 में पूरा हो जाएगा। इससे भी सालाना 1,000 करोड़ की आय होगी। उन्होंने कहा कि समय से पूर्व प्रोजेक्ट का निर्माण होगा। बजट में केंद्र सरकार का अंश नहीं है। 

ग्रामीण क्षेत्रों और जलवायु को देखते हुए बजट पेश किया गया है। जनहित को देखते हुए विधेयक पारित हुए। लैंड होर्डिंग एक्ट में बेटियों को भी यूनिट बनाया गया है। मुख्यमंत्री ने विधायकों की समस्याएं हल करने के लिए कमेटी गठित करने का एलान किया है। 

विधानसभा अध्यक्ष इसके चेयरमैन होंगे, जबकि विधायक विपिन सिंह परमार, हर्षवर्द्धन, संजय अवस्थी, त्रिलोक जम्वाल आदि इसके सदस्य होंगे। कमेटी समस्याओं की रिपोर्ट सदन में रखेगी।