हिमाचल में खनन माफिया की बढ़ी मुश्किलें , अवैध खनन के जुर्माने की रिकवरी के लिए नीलाम होगी प्रॉपर्टी जानिए 

हिमाचल में अवैध खनन के जुर्माने की रिकवरी के लिए खनन माफिया की प्रॉपर्टी को केस से अटैच किया जाएगा। एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) ने संबंधित जिलों के एसडीएम को जुर्माने की रकम वसूलने के लिए खनन माफिया की प्रॉपर्टी को नीलाम करने के लिए अधिकृत कर दिया है

हिमाचल में खनन माफिया की बढ़ी मुश्किलें , अवैध खनन के जुर्माने की रिकवरी के लिए नीलाम होगी प्रॉपर्टी जानिए 

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला  28-08-2022
 
हिमाचल में अवैध खनन के जुर्माने की रिकवरी के लिए खनन माफिया की प्रॉपर्टी को केस से अटैच किया जाएगा। एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) ने संबंधित जिलों के एसडीएम को जुर्माने की रकम वसूलने के लिए खनन माफिया की प्रॉपर्टी को नीलाम करने के लिए अधिकृत कर दिया है। एनजीटी से मिले आदेशों के तहत अतिरिक्त मुख्य सचिव विज्ञान एवं पर्यावरण प्रौद्योगिकी प्रबोध सक्सेना ने अधिसूचना भी जारी कर दी है। 
 
 
प्रॉपर्टी को अटैच करने से पहले संबंधित एसडीएम खनन माफिया को एक नोटिस जारी करेगा। एनजीटी ने विभाग को अलग से राज्य स्तरीय नोडल अकाउंट भी खोलने के आदेश जारी किए हैं। इन खातों में अवैध खनन के दौरान वसूले जाने वाले जुर्माने की कुछ रकम को जमा किया जाएगा। खाते में जमा पैसे को विभाग संबंधित क्षेत्र में अवैध खनन के दौरान पर्यावरण को पहुंचे नुकसान की भरपाई के लिए खर्च करेगा। वहां पर संरक्षण को लेकर एसडीएम को एक प्लान बनाना होगा। 
 
 
यह प्लान बीडीओ , लोक निर्माण विभाग , हिमाचल प्रदेश राज्य उद्योग विकास निगम, वन विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर तैयार किया जाएगा। कोई भी विभाग अगर इसमें कोताही बरतता पाया गया तो संबंधित विभाग के अधिकारियों की एनजीटी के प्रति जवाबदेही होगी। अवैध खनन की ढुलाई के दौरान इस्तेमाल में लाए जा रहे वाहनों के जुर्माने की भी कैटेगरी एनजीटी ने तय कर दी है। 
 
 
आदेशों के तहत इन वाहनों की कीमत शोरूम में 25 लाख तक की है और उन्हें इस्तेमाल किए हुए 5 साल से कम का समय हुआ है। उन वाहनों से 4 लाख तक का जुर्माना वसूला जाएगा। इसी तरह जिन वाहनों की कीमत 25 लाख है और उन्हें 10 साल का समय हो गया है तो उनसे 3 लाख जुर्माना वसूला जाएगा। जो वाहन 10 साल पुराने हैं। अवैध खनन की ढुलाई के लिए इस्तेमाल में लाए जा रहे हैं। उन वाहन चालकों से 2 लाख तक का जुर्माना वसूले जाने का प्रावधान किया गया है। 
 
 
अवैध खनन की गतिविधियों को रोकने के लिए NGT ने कई और विभागों को भी अधिकृत किया है जो जिला प्रशासन के साथ मिलकर काम करेंगे। इसमें SP के अलावा जिला माइनिंग अधिकारी, वन विभाग, जल शक्ति विभाग, लोक निर्माण विभाग, उद्योग विकास निगम, उप निदेशक उद्योग, ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर अवैध खनन रोकने के लिए अधिकृत होंगे। ये सभी जिला प्रशासन के साथ मिलकर काम करेंगे। 
 
 
एसडीएम की अध्यक्षता में इन सभी विभागों के अधिकारियों की एक कमेटी गठित करने को कहा गया है। जो अवैध खनन धारकों से अपने स्तर पर निपटेगी और संबंधित क्षेत्र में अवैध खनन से पर्यावरण को पहुंचा रहे नुकसान का आकलन कर जुर्माने की रकम वसूलेगी।