हिमाचल में फिर से खाद का संकट, तीन महीने से खाली पड़े हिमफेड के स्टोर  

हिमाचल प्रदेश में फिर से खाद का संकट गहरा गया है। अब किसानों, बागवानों को तीन रासायनिक खाद लेने के लिए भटकना पड़ रहा है। बीते तीन महीने से हिमफेड के स्टोर खाली पड़े

हिमाचल में फिर से खाद का संकट, तीन महीने से खाली पड़े हिमफेड के स्टोर  

यंगवार्ता न्यूज़ - कुल्लू     17-06-2022

हिमाचल प्रदेश में फिर से खाद का संकट गहरा गया है। अब किसानों, बागवानों को तीन रासायनिक खाद लेने के लिए भटकना पड़ रहा है। बीते तीन महीने से हिमफेड के स्टोर खाली पड़े हुए हैं। हजारों खाद की बोरी की मांग अभी पूरी नहीं हो पा रही है। 

सूबे के किसान-बागवान लंबे समय से खाद आने का इंतजार कर रहे हैं। इसमें कैल्शियम नाइट्रेट और 15:15:15 रासायनिक खाद की सप्लाई बीते अप्रैल से नहीं आ रही है, जबकि 12:32:16 खाद मई के बाद नहीं आई है। अब हिमफेड के स्टोरों से बागवान खाली हाथ घर लौट रहे हैं। 12:32:16 खाद छोटे पेड़ों के बढ़ने और उनकी उपजाऊ क्षमता को बढ़ाती है। 

सप्लाई न आने के कारण हिमफेड के कुल्लू और मंडी समेत अन्य जिलों के स्टोर खाली हो गए हैं, हिमफेड की माने तो समय-समय पर रासायनिक खादों की मांग केंद्र सरकार को भेजी जा रही है। जिसमें आधी मांग भी पूरी नहीं हो रही है। स्टोरों में सप्लाई पहुंचते ही स्टॉक कुछ घंटों में ही खत्म हो रहा है। 

यह तीन खादें सेब के पौधों और मक्की की फसल समेत हरी सब्जियों में जान डालने का काम करती हैं। 15:15:15 खाद एक केमिकल खाद है। इसमें पौधे के लिए सभी जरूरी तत्व नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटेशियम का मिश्रण होता है। इस खाद के उपयोग से पौधे का संपूर्ण विकास होता है। 

किसान-बागवान हेमंत कुमार, सुरेश कुमार, सेसराम, दिले राम, सरणपत, लोकेश ठाकुर, केहर सिंह ने बताया कि खाद न मिलने से भटकने के लिए मजबूर हो गए हैं। फसलों के लिए खाद नसीब नहीं हो रही है। उधर, शिमला हिमफेड की महाप्रबंधक इंदिरा ठाकुर ने बताया कि खाद के लिए केंद्र सरकार को हजारों बोरी की मांग भेजी गई है। जल्द सप्लाई पहुंचने की उम्मीद है।