उत्तराखंड में आज तक नहीं जीता कोई भी सिटींग सीएम , धामी भी नहीं तोड़ पाए हार का मिथक

प्रदेश की सियासत में यह भी मिथक है कि मुख्यमंत्री चुनाव नहीं जीतता है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सामने भी इस मिथक को तोड़ने की चुनौती थी

उत्तराखंड में आज तक नहीं जीता कोई भी सिटींग सीएम , धामी भी नहीं तोड़ पाए हार का मिथक
यंगवार्ता न्यूज़ - देहरादून  11-03-2022
 
प्रदेश की सियासत में यह भी मिथक है कि मुख्यमंत्री चुनाव नहीं जीतता है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सामने भी इस मिथक को तोड़ने की चुनौती थी, लेकिन वे अपने दुर्ग नहीं बचा पाए। राज्य गठन के बाद 2002 में पहला आम चुनाव हुआ है। जिसमें कांग्रेस से नारायण दत्त तिवारी सीएम बने, लेकिन 2007 में उन्होंने चुनाव नहीं लड़ा। 2007 में भाजपा के मेजर जनरल बीसी खंडूरी सीएम बने। उन्हें 2012 के चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। 2012 में कांग्रेस फिर सत्ता में आई और विजय बहुगुणा सीएम बने, लेकिन उन्होंने 2017 का चुनाव नहीं लड़ा।
 
बहुगुणा के बाद सीएम बने हरीश रावत ने किच्छा और हरिद्वार से चुनाव लड़ा। वे दोनों ही सीटों पर चुनाव हार गए थे। वर्तमान भाजपा सरकार के कार्यकाल में मुख्यमंत्री रहे त्रिवेंद्र सिंह रावत और तीरथ सिंह रावत ने चुनाव नहीं लड़ा। मुख्यमंत्री धामी ने तीसरी बार खटीमा से चुनाव मैदान में थे। यहां से उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा।