ब्लैक फंगस के उपचार को एम्फोटेरिसिन चिकित्सकों की पहली पसंद , सस्ता इलाज भी उपलब्ध : डा. बिष्ट 

ब्लैक फंगस के उपचार को एम्फोटेरिसिन चिकित्सकों की पहली पसंद , सस्ता इलाज भी उपलब्ध : डा. बिष्ट 

यंगवार्ता न्यूज़ - देहरादून  30-05-2021

प्रदेश में ब्लैक फंगस (म्यूकर माइकोसिस) के मामले बढ़ने के साथ एम्फोटेरिसिन बी और लिपोसोमल एम्फोटेरिसिन बी इंजेक्शन को लेकर मारामारी होने लगी है। हालांकि मरीजों के लिए इलाज के लिए दूसरे एंटी फंगल इंजेक्शन और टैबलेट का इस्तेमाल किया जा रहा है।

इनमें से कुछ एंटी फंगल का कोर्स लिपोसोमल एम्फोटेरिसिन इंजेक्शन के मुकाबले काफी सस्ता है, लेकिन चिकित्सक मरीजों से एम्फोटेरिसिन बी और लिपोसोमल एम्फोटेरिसिन बी इंजेक्शन ही मंगा रहे हैं।

असल में एम्फोटेरिसिन फंगस को खत्म कर देता है। वहीं दूसरे एंटी फंगल केवल संक्रमण को बढ़ने से रोकते हैं। इसमें मरीज को ठीक होने में काफी समय समय लग जाता है। हिमालय आयुर्विज्ञान संस्थान ( हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज ) के ईएनटी विभागाध्यक्ष प्रो. एसएस बिष्ट का कहना है कि ब्लैक फंगस ( म्यूकर माइकोसिस ) के इलाज के लिए फंगी साइडल और फंगी स्टेटिक दवाओं का प्रयोग हो रहा है।

फंगीसाइड दवा फंगस को पूरी तरह से खत्म कर देती है, जबकि फंगी स्टेटिक दवा फंगस संक्रमण को बढ़ने से रोकती है। इसमें मरीज को ठीक होने में समय लगता है। प्रो. बिष्ट ने बताया कि एम्फोटेरिसिल बी और लिपोसोमल एम्फोटेरिसिन बी इंजेक्शन फंगी साइडल हैं।

यह फंगस को समाप्त करने में बेहद कारगर साबित होते हैं, इसलिए ये ब्लैक फंगस के इलाज के लिए चिकित्सकों की पहली पसंद हैं। इनमें से गुर्दे के लिए कम नुकसानदायक होने के चलते लिपोसोमल एम्फोटेरिसिन का प्रयोग अधिक किया जाता है। वहीं एम्फोटेरिसिन के इंजेक्शन उपलब्ध न होने पर फंगी स्टेटिक दवाओं का प्रयोग किया जाता है। फंगी स्टेटिक में पोसाकोनाजोल और इट्राकोनाजोल शामिल होते हैं।

मरीज की जरूरत के अनुसार उसको एम्फोटेरिसिन की तरह ही रोजाना दो से लेकर छह इंजेक्शन लगा दिए जाते हैं। यह कोर्स करीब चार सप्ताह तक चलता है। वहीं टैबलेट का कोर्स भी कराया जाता है। प्रो. एसएस बिष्ट ने बताया कि मरीज की दवा की डोज वजन के अनुसार तय होती है। मरीज को तीन से पांच मिलीग्राम प्रति किलोग्राम के अनुसार दवा दी जाती है।

हालांकि इनका इस्तेमाल एम्फोटेरिसिन उपलब्ध होने पर किया जाता है। इट्राकोनाजोल सबसे सस्ती एंटी स्टेटिक दवा है। इसकी 200 मिलीग्राम की एक गोली की कीमत 150 रुपये है। वहीं 100 मिलीग्राम के एक इंजेक्शन की कीमत एक हजार रुपये के करीब है। वहीं पोसाकोनोजोल की 100 मिलीग्राम दवा की एक गोली कीमत करीब 533 रुपये से शुरू होती है। वहीं इंजेक्शन की कीमत 4100 रुपये से छह हजार रुपये तक है।