एनएमपी के खिलाफ सीटू का प्रदर्शन, मोदी सरकार कौड़ियों के भाव बेच रही सार्वजनिक संपत्तियां
केंद्र सरकार नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को निजी हाथों में बेचकर बड़ी साजिश.....
सरकारी विभागों को निजी बैंकों में पैसा जमा करवाने का बनाया जा रहा दबाव
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 21-10-2021
केंद्र सरकार नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को निजी हाथों में बेचकर बड़ी साजिश की जा रही है। केंद्र की सरकार पूंजी पतियों के आगे नतमस्तक हैं।अंबानी अडानी जैसे पूंजीपतियों के लिए यह सरकार काम कर रही है।
यह आरोप सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन (सीटू) ने लगाया है। इसके खिलाफ सीटू ने आज देश भर में प्रदर्शन किया। शिमला में भी उपायुक्त कार्यालय के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया व केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
सीटू राज्य अध्यक्ष विजेंद्र मेहरा ने बताया कि पिछले 70 सालों में देश दुनिया के नक्शे पर उभर कर सामने आया लेकिन पिछले 7 वर्षों में सभी क्षेत्रों को बेचा जा रहा है। एनमपी के नाम पर रेलवे ट्रेक, एयरपोर्ट, नेसशनल हाईवे, कोयला, बंदरगाहों को बेचने की साजिश चल रही है।
उन्होंने कहा कि 22 हजार किमी राष्ट्रीय मार्गों को पांच गुना कम मूल्यों पर बेचा जा रहा है। सात साल पूर्व 16 लाख कर्मचारी सरकारी विभागों में काम कर रहे थे लेकिन 7 साल बाद अब 9 लाख 80 हजार बचें हैं। कर्मचारियों को जबरन रिटायर किया जा रहा है।
प्रदेश में सरकारी उपक्रमो को अपना पैसा निजी बैंकों में जमा करने का दबाव बनाया जा रहा है। इसके लिए बड़े अधिकारियों, मंत्रियों द्वारा कर्मचारियों को फ़ोन किया जा रहा है। यह निजीकरण को बढ़ावा देने के लिए षड्यंत्र है।