कारगिल विजय दिवस पर पांवटा में शहीद स्मारक का लोकार्पण कर वीर शहीदों को श्रद्धांजलि की अर्पित 

कारगिल विजय दिवस पर पांवटा साहिब में 8 लाख की लागत से निर्मित शहीद स्मारक का ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी ने सांसद लोकसभा सुरेश कश्यप तथा उपाध्यक्ष राज्य नागरिक आपूर्ति निगम बलदेव तोमर की उपस्थिति में लोकार्पण किया

कारगिल विजय दिवस पर पांवटा में शहीद स्मारक का लोकार्पण कर वीर शहीदों को श्रद्धांजलि की अर्पित 

यंगवार्ता न्यूज़ - पांवटा साहिब       26-07-2022

कारगिल विजय दिवस पर पांवटा साहिब में 8 लाख की लागत से निर्मित शहीद स्मारक का ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी ने सांसद लोकसभा सुरेश कश्यप तथा उपाध्यक्ष राज्य नागरिक आपूर्ति निगम बलदेव तोमर की उपस्थिति में लोकार्पण किया। 

भूतपूर्व सैनिक संगठन पांवटा साहिब व शिलाई क्षेत्र द्वारा आयोजित कार्यक्रम में देश की सीमाओं की रक्षा करते हुए शहीद हुए योद्धाओं को पुष्पांजलि अर्पित की गई तथा कार्यक्रम में उपस्थित उनके परिजनों को सम्मानित किया गया।

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि हमारे प्रदेश को वीर भूमि के नाम से भी जाना जाता है, जब भी देश को आवश्यकता हुई है। हिमाचल के वीर सपूतों ने सदैव अभूतपूर्व शौर्य का परिचय दिया है और यहाँ तक कि अपने प्राणों की आहुति देने से पीछे नहीं हटे। ह

जब पाकिस्तान ने कारगिल की चोटियों पर कब्जा कर लिया, परन्तु भारतीय सेना ने हजारों फुट की ऊंचाई पर चढाई करके दुश्मन की सेना को खदेड़ा। लगभग 3 महीने तक दोनां देशों के बीच घमासान युद्ध हुआ और भारत ने पाकिस्तान पर विजय प्राप्त की और तब से हर वर्ष भारत में 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है।

कारगिल युद्ध में हिमाचल के 52 वीरों ने सर्वोच्च बलिदान दिया तथा इस युद्ध में जिला सिरमौर के दो रणबांकुरे शहीद कुलविंदर सिंह व शहीद कल्याण सिंह ने अपने अदम्य साहस का परिचय दिया और देश की रक्षा करते हुए अपने प्राण न्योछावर किए। स्वतंत्रता प्राप्त करने से लेकर आज तक प्रदेश के लगभग 1694 वीरों ने अपने प्राण देश के लिए न्योछावर किये हैं। 

कारगिल के इस युद्ध में हिमाचल प्रदेश के कैप्टन विक्रम बत्रा ने अपनी डेल्टा टुकड़ी के साथ चोटी नं. 4875 पर हमला किया, मगर एक घायल साथी अधिकारी को युद्धक्षेत्र से निकालने के प्रयास में वह 7 जुलाई की सुबह शहीद हो गए। अमर शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा को अपने अदम्य साहस व बलिदान के लिए मरणोपरांत भारत के सर्वोच्च सैनिक पुरस्कार ‘परमवीर चक्र’ से सम्मानित किया गया।

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि पूर्व सैनिकों का कल्याण सरकार के लिये सदैव ही प्राथमिकता का विषय रहा है। वर्तमान हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा पूर्व सैनिकों व उनके आश्रितों के कल्याण हेतु विभिन्न योजनाऐं कार्यान्वित की गईं जिसके तहत 2600 पूर्व सैनिकों व 62 शहीदों के आश्रितों को रोजगार प्रदान किया गया। प्रदेश के 1147 शौर्य पुरस्कार विजेताओं को लगभग 15 करोड़ की राशि वितरित की गई है।

कार्यक्रम में शहीदों के परिजनों को सम्मानित किया गया। जिनमें छछेती के शहीद अमर सिंह, सुनोग के शहीद रविंदर सिंह, डोईवाला के कुलविंद्र सिंह, हलांह के शहीद कल्याण सिंह, राजपुर के शहीद समीर कुमार,  कोटड़ी व्यास के शहीद कमल कांत, सुरजपुर के शहीद शेर सिंह, कोलर के शहीद वीरेंद्र सिंह,  बनौर के शहीद राजेन्द्र सिंह, धौलाकुंआ के शहीद अरविन्द कुमार, माजरा के शहीद राजेश कुमार, बांदली के शहीद श्याम सिंह, मानपुर देवड़ा के शहीद सोहन सिंह, शखोली के शहीद भरत सिंह, गवाना के शहीद प्रशांत सिंह और बेहडेवाला के शहीद बलबीर सिंह के परिजन शामिल रहे।

इस अवसर पर पंचायत समिति अध्यक्ष हितेंद्र कुमार, भाजपा मंडल अध्यक्ष अरविंद गुप्ता, सदस्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड राहुल चौधरी, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य देवेन्द्र चौधरी, उपाध्यक्ष जिला भाजपा कुलदीप राणा, जिला महिला मोर्चा अध्यक्ष शिवानी वर्मा, उप मंडल दण्डाधिकारी विवेक महाजन, डीएसपी. वीर बहादुर, खण्ड विकास अधिकारी रवि प्रकाश जोशी, समाज सेवी एनपीएस सहोता, अरुण गोयल, शिव कुमार तथा उपाध्यक्ष, भूतपूर्व सैनिक संगठन पांवटा साहिब व शिलाई नरेन्द्र सिंह ठुंडू व सवर्ण जीत व संगठन के अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे।