यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 29-06-2023
ओवरड्राफ्ट के बीच राज्य सरकार 1000 करोड़ रुपए का कर्ज लेने जा रही है। कर्ज की यह राशि 2 अलग-अलग मदों में क्रमश: 500-500 करोड़ रुपए के रूप में ली जाएगी। यानी सरकार द्वारा 500 करोड़ रुपए 10 वर्ष और 500 करोड़ रुपए 15 वर्ष की अवधि के लिए जा रहे हैं। इसके लिए नीलामी की प्रक्रिया 4 जुलाई को होगी तथा सरकार के खाते में 5 जुलाई को यह राशि आ जाएगी। इससे पहले राज्य सरकार ने इसी माह 800 करोड़ रुपए का कर्ज लिया था।
इस प्रकार सरकार मौजूदा वित्त वर्ष में अब तक 1800 करोड़ रुपए कर्ज और अपने 6 माह के अधिक समय के कार्यकाल में करीब 7000 करोड़ रुपए कर्ज ले चुकी है। इस तरह अब हिमाचल प्रदेश पर करीब 76000 करोड़ रुपए कर्ज चढ़ चुका है। सरकार इस कर्ज से विकास कार्यों के साथ प्रतिबद्ध देनदारियों जैसे वेतन व पेंशन की अदायगी करेगी। गंभीर वित्तीय संकट के दौर से गुजर रही राज्य सरकार को आर्थिक संसाधन जुटाने में जहां परेशानी आ रही है, वहीं केंद्र सरकार पहले ही कर्ज लेने की सीमा में 5500 करोड़ रुपए की कटौती कर चुकी है।
इससे पहले राज्य सरकार वित्त वर्ष के दौरान 14500 करोड़ रुपए तक कर्ज ले सकती थी लेकिन अब 8500 करोड़ रुपए तक ही कर्ज लिया जा सकेगा, जिसमें से इस वित्त वर्ष के 1800 करोड़ रुपए के लिए सरकार आवेदन कर चुकी है। इसके अलावा एनपीएस खातों में जमा होने वाले वार्षिक 1780 करोड़ रुपए की एवज में मिलने वाली मैचिंग ग्रांट भी रोक दी गई है, साथ ही आगामी 3 वर्ष तक एक्सटर्नल एडिड प्रोजेक्ट की सीमा को 3000 करोड़ रुपए तक सीमित किया गया है।
गौर हो कि राज्य सरकार के ऊपर इस समय कर्मचारी-पेंशनरों की करीब 12000 करोड़ रुपए की वित्तीय अदायगियां लंबित हैं। इसके तहत सरकार को नए वेतनमान का एरियर व डीए की लंबित राशि चुकानी है, जिसमें विलंब हो रहा है। यानी यदि जल्द वित्तीय हालात पटरी पर नहीं आए तो कर्मचारी-पेंशनरों की वित्तीय अदायगियां चुकाने में परेशानी आएगी।