कोरोना के बाद अब लंपी त्वचा रोग ने बढ़ाई चिंता,पशु से इंसानों में भी लंपी त्वचा रोग फैलने का खतरा

कोरोना  के बाद अब लंपी त्वचा रोग ने चिंताएं बढ़ा दी है। सिरमौर जिला में मवेशियों में तेजी से ही लंपी त्वचा रोग फैला रहा है लगातार फैलता संक्रमण इसलिए भी चिंता बढ़ा रहा है क्योंकि पशुओं से इस रोग के इंसानों में भी आने की संभावना

कोरोना के बाद अब लंपी त्वचा रोग ने बढ़ाई चिंता,पशु से इंसानों में भी लंपी त्वचा रोग फैलने का खतरा

सिरमौर में पशुओं में तेजी से फैल रहा लंपी त्वचा रोग,पशुपालन विभाग हुआ अलर्ट

यंगवार्ता न्यूज़ - नाहन      08-08-2022

कोरोना  के बाद अब लंपी त्वचा रोग ने चिंताएं बढ़ा दी है। सिरमौर जिला में मवेशियों में तेजी से ही लंपी त्वचा रोग फैला रहा है लगातार फैलता संक्रमण इसलिए भी चिंता बढ़ा रहा है क्योंकि पशुओं से इस रोग के इंसानों में भी आने की संभावना है लिहाजा बढ़ते मामलों को लेकर अब पशुपालन विभाग भी पूरी तरह अलर्ट है।

सिरमौर जिला में अभी तक 300 से अधिक मवेशियों में संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है और 30 मवेशियों की मौत भी हुई है जिला में लगातार पशु संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं और कुछ इलाके ऐसे हैं जहां तेजी से पशु संक्रमित हो रहे है। 

जिला उपनिदेशक पशुपालन विभाग डॉ नीरू शबनम ने बताया कि पशुओं की जांच कर रही टीमों और पशुपालक को एहतियात बरतने की सलाह दी गई है क्योंकि यह संक्रमण इंसानों में भी फैल सकता है साथ ही जो पशु संक्रमित है उन्हें स्वास्थ्य पशुओं से दूर रखने की सलाह दी गई। 

जिला में सबसे पहले नैना टिक्कर  क्षेत्र में इस रोग का मामला सामने आया था जिसके बाद कालाअंब, मोगिनंद, सैनवाला,आमवाला,बर्मा पापड़ी क्षेत्र में लगातार मामले सामने आ रहे है। जिन इलाकों में यह मामले सामने आ रहे हैं वहां पर रिंग वैक्सीनेशन का कार्य लगातार जारी है और अभी तक 8 हजार पशुओं का वैक्सीनेशन किया जा चुका है । 

उन्होंने कहा कि विभाग को 20 हजार डोज वैक्सीनेशन की अतिरिक्त डिमांड सिरमौर जिला से भेजी गई है। पशुपालन विभाग द्वारा पशु उपचार के लिए अलग और वेक्सिनेशन के लिए अलग-अलग टीमों का गठन किया गया है।

विभागीय अधिकारियों के मुताबिक प्रदेश के सीमांत क्षेत्र काला अंब में यह संक्रमण घुमंतू गुर्जरों के पशुओं के जरिए पहुंच रहा है और उनके उपचार में भी विभाग को दिक्कतें आ रही है क्योंकि यह एक जगह पर नहीं टिकते और इनके पशु स्थान से दूसरे स्थान पर चले रहते है अकेले कालाअम्ब क्षेत्र में पशुपालन विभाग द्वारा आठ टीमें बनाई गई।