कोरोना ड्यूटी के चलते हिमाचल के करीब 199 स्वास्थ्य उपकेंद्रों पर लटके ताले
यंगवार्ता न्यूज़ - ऊना 29-05-2021
चिकित्सकों और स्टाफ की कमी और कोरोना ड्यूटी के चलते हिमाचल प्रदेश के ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों के करीब 199 स्वास्थ्य उपकेंद्रों पर इन दिनों ताले लटके हुए हैं।
अकेले ऊना जिले में ही लगभग 38, हमीरपुर में 32, शिमला में 90, कुल्लू में 19, सोलन में 10, लाहौल में 4 और मंडी में एक हेल्थ सब सेंटर स्वास्थ्य कर्मचारियों की कमी के चलते बंद पड़े हैं।
कोरोना महामारी के बीच छोटी सी बीमारी के लिए भी ग्रामीणों को बड़े अस्पतालों का रुख करना पड़ रहा है। ऊना जिला में लगभग 138 हेल्थ सब सेंटर हैं, जिनमें से 38 तो ऐसे हैं,
जिनमें न तो मेल हेल्थ वर्कर न फीमेल हेल्थ वर्कर है। इस कारण इन केंद्रों पर ताला लटक गया है। सीएचसी संतोषगढ़ में स्टाफ की कमी के कारण रात्रिकालीन स्वास्थ्य सेवाएं बंद हैं।
आपातकाल में लोगों को ऊना व पंजाब के नंगल का रुख करना पड़ रहा है। कर्मचारियों की कमी स्वास्थ्य विभाग के लिए चिंता का बड़ा कारण बनी हुई है।
शहरी क्षेत्रों के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में भी कोरोना अपने पांव पसार चुका है।
ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं व जागरूक करने में हेल्थ सब सेंटर एक बड़ी भूमिका निभा सकते हैं, लेकिन इन सब सेंटरों में स्टाफ न होने के चलते स्वास्थ्य सुविधाएं राम भरोसे ही हैं।
स्वास्थ्य मंत्री राजीव सैजल ने इस बारे में कहा कि हिमाचल प्रदेश में डॉक्टरों की कमी नहीं है। सभी स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टर उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि किसी स्वास्थ्य उपकेंद्र में डॉक्टर नहीं हैं तो उसे देखा जाएगा।
चंबा के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बनीखेत में तैनात एकमात्र डॉक्टर की कोविड अस्पताल में ड्यूटी लगने से पीएचसी अब बिना डॉक्टर चलाई जा रही है। वहीं, लाहौल के सलग्रां, तेलिंग, लपचंग और यांगला सब सेंटर में हेल्थ वर्कर के पद खाली चल रहे हैं।
इन केंद्रों में मई से ताले लटके हैं। मंडी उपमंडल के सरकाघाट का प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) चंदैश बिना डॉक्टर के चल रहा है। यहां केवल फार्मासिस्ट ही तैनात है। अस्पताल में तैनात चिकित्सक की रत्ति कोविड केयर सेंटर में ड्यूटी लगी है।
शिमला के ज्यूरी क्षेत्र में सीएचसी और पीएचसी में डॉक्टर तो हैं मगर फार्मासिस्ट और तकनीशियन नहीं। टेस्ट की सुविधा न होने से क्षेत्र की जनता स्वास्थ्य सुविधाओं से महरूम है। लोगों को मजबूरी में टेस्ट करवाने के लिए रामपुर आने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।