चंद्रभागा घाटी में प्रस्तावित जल विद्युत परियोजनाओं को नहीं बनने देने का लिया प्रण
यंगवार्ता न्यूज़ - लाहुल स्फीति 08-02-2021
हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्पीति जिले के गोशाल गांव में हिमधारा पर्यावरण समूह और सेव लाहौल-स्पीति संस्था ने जागरूकता शिविर का आयोजन किया। इसमें ग्रामीणों ने चंद्रभागा घाटी में प्रस्तावित जल विद्युत परियोजनाओं को नहीं बनने देने का प्रण लिया है।
गोशाल पंचायत के पूर्व प्रधान मेघ सिंह ने कहा कि लाहौल की हिमालय घाटी ग्लेशियर टूटने से सबसे ज्यादा प्रभावित रहती है।
लेकिन सरकार इस क्षेत्र में 56 जलविद्युत योजनाएं बनाने की कवायद शुरू कर रही है। इससे पूरी लाहौल घाटी उत्तराखंड की तरह त्रासदी की राह पर चली जाएगी।
महिला मंडल गोशाल की सदस्य देकिद ने कहा कि लाहौल में वनों को लंबे समय से बचाया जा रहा है। महिला मंडल ने जंगल से लकड़ी लाने पर भी पाबंदी लगा रखी है।
गोशाल पंचायत की प्रधान संगीता राणा ने कहा कि किसी भी सूरत में तांदी परियोजना 104 मेगावाट को अनापत्ति नहीं दी जाएगी।
सेव लाहौल-स्पीति के उपाध्यक्ष विक्रम कटोच ने कहा कि लाहौल में विनाशकारी जलविद्युत परियोजनाओं के खिलाफ जन जागरण की मुहिम को मजबूती से आगे बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में जो हुआ, उससे सभी आहत हैं।