जनसंख्या समाधान फाउंडेशन के प्रदेश अध्यक्ष कपिल तोमर ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 10-07-2021
गरीबी हटाने व संसाधनों का दोहन कम करने के लिए अत्यंत जरूरी जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने के लिए हिमाचल प्रदेश जनसंख्या समाधान फाउंडेशन के प्रदेश अध्यक्ष कपिल तोमर, सचिव प्रदीप तोमर, पवन ठाकुर, नरेन्द्र सिंह ठुंडू व अन्य के साथ मिलकर ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी, खाद्य आपूर्ति निगम के चेयरमैन बलदेव तोमर व एसडीएम पांवटा विवेक महाजन को अलग-अलग ज्ञापन सौंपकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा सुबे के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर तक पहुंचाने की अपील की।
कपिल तोमर ने कहा कि पूरे विश्व के भूभाग का 2.4 % क्षेत्र ही भारत के पास है जबकि भारत पूरे विश्व की जनसंख्या का 17.74% भार अकेले ढो रहा है। जोकि पूरे विश्व में अपने आप में एक अद्भुत व अनोखा उदाहरण है।
यही नहीं आज भारत की जनसंख्या लगभग 150 करोड़ हो गई है और इस पर लगाम लगाने के लिए आज तक हमारे पास कोई ठोस व पुख्ता इंतजाम नहीं है। आज नहीं तो कल हमारे पास प्राकृतिक साधनों व संसाधनों की कमी होना जाहिर सी बात है।
फाउंडेशन के प्रदेश सचिव प्रदीप कुमार ने कहा कि अगर हमारी जनसंख्या इसी प्रकार बढ़ती रही और इस पर समय से कोई लगाम नहीं लगाई गई तो वह दिन दूर नहीं जब हमारे ऊपर आर्थिक, सामाजिक, पर्यावरण व भुखमरी जैसे संकट का बोलबाला होगा।
हमारी सभी सरकारों ने आजादी से लेकर गरीबी हटाने के लिए अनेकों अनेक जतन करने की कोशिश की है। लेकिन दुर्भाग्यवश इसमें कोई सफलता नहीं मिली। हम सभी को ज्ञात होना चाहिए की गरीबी के ऊपर सफलता ना पाने के पीछे केवल और केवल एक ही कारण है अत्यधिक जनसंख्या का होना।
जिसके कारण सरकार को मेहनतकश व काम-धंधा तथा नोकरी पेशा करने वाले लोगों का पैसा भी टैक्स के माध्यम से लेकर दूसरी तरफ गरीबी हटाने जैसी खोखली योजनाओं में खर्च करना पड़ रहा है। जबकि हमें अच्छी तरह पता है कि जब तक जनसंख्या को नहीं रोका जाएगा तब तक गरीबी पर काबू नहीं पाया जा सकता।
फाउंडेशन के उपस्थित सदस्यों ने शासन और प्रशासन से मांग की कि जाति, धर्म और समाज से ऊपर उठकर सार्वजनिक मानव कल्याण के लिए जल्दी से जल्दी जनसंख्या नियंत्रण के लिए कठोर से कठोर कानून बनाया जाए।
इसके अलावा अन्य कोई विकल्प ऐसा नहीं है जो सबके लिए कल्याणकारी हो। सभी दंपतियों को केवल दो संतान ही पैदा करने का अधिकार होना चाहिए। ताकि इस विकराल समस्या पर समय रहते काबू पाया जा सके। और हमारे साधन तथा संसाधन भविष्य की पीढ़ी के लिए भी सुरक्षित रहें सके।