डेढ़ लाख सरकारी कर्मियों के सस्ते राशन पर कैंची, टैक्स देने वालों का रिकॉर्ड जुटाने में लगा विभाग

डेढ़ लाख सरकारी कर्मियों के सस्ते राशन पर कैंची, टैक्स देने वालों का रिकॉर्ड जुटाने में लगा विभाग

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 17-06-2020

कोरोना काल में जरूरतमंदों तक सस्ता राशन पहुंचाने के लिए टैक्स धारकों का डिपुओं से राशन बंद करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। प्रथम चरण में खाद्य आपूर्ति विभाग उन डेढ़ लाख सरकारी कर्मचारियों का रिकॉर्ड जुटा रहा है, जो टैक्स भरते हैं।

दूसरे चरण में कारोबारियों और अन्य टैक्स धारकों की सूची तैयार की जाएगी। दरअसल, मंत्रिमंडल की बैठक में फैसला लिया गया था कि इनकम टैक्स के दायरे में आने वाले लोगों को अब डिपुओं से सस्ता राशन नहीं मिलेगा।

कैबिनेट ने एपीएल कार्डधारकों को दी जाने वाली सब्सिडी को भी आधा कर दिया है। यह फैसला इसलिए लिया गया है ताकि इनकम टैक्स के दायरे में आने वाले लोगों को पीडीएस योजना से बाहर कर एपीएल के उन लोगों को भारतीय खाद्य सुरक्षा योजना में शामिल किया जा सके, जो बीपीएल से थोड़े ऊपर हैं और एपीएल में सबसे नीचे आते हैं।

उन्हें अब बीपीएल की तरह साढ़े तीन रुपये प्रति किलो की दर से आटा और दो रुपये प्रति किलो की दर से चावल दिया जाएगा। बीपीएल और प्राथमिकता वाले परिवारों के लाभार्थियों के चयन के लिए आय सीमा भी बढ़ाकर मंत्रिमंडल ने 45000 रुपये मासिक कर दी है।

हिमाचल में अभी 18.5 लाख राशनकार्ड उपभोक्ता हैं। इनमें साढ़े पांच लाख राशनकार्ड परिवार गरीब परिवार से हैं। राशनकार्ड उपभोक्ताओं को आटा, चावल के अलावा तीन दालें, (मूंग, माश और दाल चना) एक किलो नमक, दो लीटर तेल सब्सिडी पर दिया जाता है।