लाल सिंह शर्मा - संगड़ाह 03-10-2022
विकास खंड संगड़ाह के क्यारा-जरग में फ्रूट प्रोसेसिंग एवं एसेंशियल ऑयल यूनिट चलाने वाले दुर्गा किसान क्लब के क्लब महिमा नंद शर्मा के आकस्मिक निधन से क्षेत्र में शोक की लहर है। परिजनों के अनुसार 2 दिन पहले उनके पेट में तेज दर्द उठा तो उन्हें चंडीगढ़ के एक अस्पताल में भर्ती करवाया गया, जहां रविवार को उनका देहांत हो गया। विकास खंड संगड़ाह के माईना गांव के 44 वर्षीय महिमानंद अपनी यूनिट में हर साल लाखों के फल, सब्जी व जड़ी-बूटियों के जूस , पाउडर , जैम तथा जैल जैसे उत्पाद तैयार करते थे।
क्षेत्र की इस पहली फल विधायन उद्योग के ज्यादातर उत्पाद ददाहू , रेणुका जी , संगड़ाह , नाहन , सोलन व शिमला में स्थानों पर बिकते थे और मेलों के दौरान प्रर्दशनी लगाकर किसान क्लब की ज्यादातर बिक्री होती थी। वर्ष 2012 मे जरग-क्यारटा में इस फ्रूट एवं हर्बल प्रोसेसिंग इकाई द्वारा शुरुआत में सालाना करीब 70,000 रुपए का कारोबार किया जा रहा था, जो बाद में बढ़कर 3 लाख तक पहुंच गया था। नाबार्ड , राष्ट्रीय बागवानी मिशन व मिड हिमालयन आदि परियोजनाओं के तहत जारी करीब 8 लाख की सहायता राशि से उन्होंने क्षेत्र में औषधीय पौधों की खेती को बढ़ावा देने व किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार के सफल प्रयास किए।
इस युनिट में इस्तेमाल होने वाले किसानों के सभी उत्पादों को लेकर एक खास बात थी कि उन्हें बंदर नहीं खाते। बंदरों के आतंक से प्रभावित खेतों अथवा जंगल के साथ वाली जमीन पर भी यहां इस्तेमाल होने वाली फसलें अथवा जड़ी-बूटियां उगाई जा सकती है। क्षेत्र के किसानों द्वारा स्थापित जिला सिरमौर का अपनी तरह का यह पहला सहकारी सेक्टर का यूनिट कुछ अरसा नाबार्ड, अरावली एनजीओ व दुर्गा किसान क्लब द्वारा किसानों को प्रशिक्षण अथवा प्रदर्शन देने के लिए भी इस्तेमाल किया गया। स्थानीय किसानों के मुताबिक यहां लगातार एलोवेरा, लेमन ग्रास, करेला व क्षेत्र में पाए जाने वाले विभिन्न फलों व औषधीय पौधों के जूस जेल, जैम, हैंडवाश तथा शैंपू जैसे हर्बल उत्पाद तैयार किए जा रहे थे।
इस यूनिट पर जारी सरकारी अनुदान राशि के अलावा महिमा नंद ने अपनी सारी गाढ़ी कमाई अथवा जमा पूंजी भी खर्च कर दी थी। दुर्गा किसान क्लब के संचालक एवं अवतरण एनजीओ के निदेशक महिमानंद शर्मा ने स्नातक करने के बाद नौकरी को तवज्जो देने की बजाय अपने इस दूरदराज इलाके के किसानों की बेहतरी व कृषि आधारित लघु उद्योग लगाने में सारी जिंदगी खपा दी और उनके निधन से क्षेत्र के किसानों में भारी मायूसी है। इस विधायन केंद्र में लगातार काम करने व मार्केटिंग को लगाकर अदरक, सौंप, एलोवेरा व करेला आदि कृषि उत्पाद व हरड़, बहेड़ा , गिलोय तथा अर्जुन छाल आदि जड़ी-बूटियों को बतौर कच्चा माल उपलब्ध करवाने से करीब सौ किसानों अथवा बेरोजगारों को आमदनी हो रही है।
जिला सिरमौर व प्रदेश के पिछड़े क्षेत्रों में शामिल सूबे के पहले सीएम का विधानसभा क्षेत्र रहे रेणुकाजी अथवा विकास खंड संगड़ाह में एक और जहां नेताओं के चुनावी वादों के बावजूद आज तक कोई भी कृषि आधारित उद्योग नहीं लगा, वहीं उक्त माइक्रो इंडस्ट्री का काम बढ़ने से लोगों को काफी उम्मीदें थी। क्षेत्र के भाजपा व कांग्रेस नेताओं तथा पंचायत प्रतिनिधियों ने उनके निधन पर गहरी संवेदना जताई।