प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्र बद्दी और कालाअंब की आबोहवा में घुलता जा रहा प्रदूषण का जहर
प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्र बद्दी और कालाअंब की आबोहवा में प्रदूषण का जहर घुलता जा रहा है। इसके चलते यहां पर हवा प्रदूषित हो रही है। दूसरी ओर औद्योगिक क्षेत्र परवाणू की हवा सबसे स्वच्छ पाई गई
यंगवार्ता न्यूज़ - सोलन 12-02-2023
प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्र बद्दी और कालाअंब की आबोहवा में प्रदूषण का जहर घुलता जा रहा है। इसके चलते यहां पर हवा प्रदूषित हो रही है। दूसरी ओर औद्योगिक क्षेत्र परवाणू की हवा सबसे स्वच्छ पाई गई है।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जारी वायु गुणवत्ता सूचकांक के मुताबिक प्रदेश में औद्योगिक क्षेत्र बद्दी और कालाअंब की वायु गुणवत्ता का स्तर खराब हो गया है। हालांकि प्रदेश के पांच स्थानों पर वायु गुणवत्ता सूचकांक संतोषजनक आया है।
शनिवार को बद्दी में वायु गुणवत्ता सूचकांक 163 दर्ज किया गया, जबकि औद्योगिक क्षेत्र कालाअंब का 113 पहुंच चुका है। पांच शहरों में वायु का स्तर 50 से अधिक रहा। इनमें सुंदरनगर में 50, ऊना में 58, पांवटा साहिब में 88, बरोटीवाला में 81 और नालागढ़ में 64 रहा।
जिन शहरों में हवा बेहतर रही, उनमें परवाणू में 26, मनाली में 27, धर्मशाला में 37, शिमला में 38 और डमटाल में 45 शामिल हैं। पर्यावरण संरक्षण के लिए कार्य करने वाली संस्था हिम परिवेश के महासचिव बाल किशन शर्मा ने बताया कि प्रदेश में औद्योगिक क्षेत्र बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ की हालत दिन-प्रतिदिन खराब हो रही है। यहां पर उद्योगों से निकलने वाला जहरीला धुआं वायु को खराब कर रहा है।
वहीं, बद्दी के समाज सेवक कृष्ण कुमार कौशल ने कहा कि उद्योगपति प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से निर्धारित मापदंडों का पालन करें। यह लोगों के स्वास्थ्य से जुड़ा मामला है। यहां से सरकार को करोड़ों रुपये राजस्व जाता है।
वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को इस सूचकांक से समझ सकते हैं। यदि हवा साफ है तो यह 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है, जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होता है।
इसी तरह से 101 से 200 का मतलब वायु प्रदूषण का स्तर मध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 तक खराब स्थिति को दर्शाता है और 301 से 400 के बीच सूचकांक बेहद खराब श्रेणी में आता है।