पांवटा में अवैध तरीके से हो रहा था लाल परी का उत्पादन , विभाग ने सील की शराब फैक्ट्री
प्रवीन शर्मा - पांवटा साहिब 23-07-2021
हिमाचल प्रदेश में अवैध शराब की तस्करी को लेकर राज्य कर एवं आबकारी विभाग द्वारा शिकंजा कसा जा रहा है। इसी कड़ी में कल देर रात को जिला सिरमौर पांवटा साहिब में राज्य कर एवं आबकारी विभाग ने गुप्त सुचना के आधार पर एक अवैध शराब फैक्टरी में दबिश दी।
विभाग को सूचना मिली कि पांवटा साहिब में अवैध तरीके से शराब का निर्माण किया जा रहा है जिसके चलते शाम को सिरमौर जिला कर एवं आबकारी विभाग की टीम ने पांवटा साहिब सिथित शराब की फैक्ट्री में छापेमारी की।
इस दौरान करीब 13802 लीटर बिना पास परमिट की शराब बरामद की। इस बारे में बाकायदा जिला कर एवं आबकारी विभाग ने समाहर्ता दक्षिणी जोन शिमला को सूचित किया गया था। समाहर्ता ने शराब फैक्ट्री को आगामी आदेशों तक सील करने के निर्देश किए हैं जिसके चलते विभाग ने फैक्टरी को सील कर दिया है।
जानकारी के मुताबिक राज्य कर एवं आबकारी विभाग द्वारा की गई इस कार्रवाई से राज्य सरकार का करीब एक करोड रुपए के राजस्व का फायदा हुआ है। बताते हैं कि जो इएनए (एक्स्ट्रा न्यूट्रल अल्कोहल) इस फैक्ट्री में बिना पास के पाया गया इससे करीब 5155 पेटियां शराब की बनाई जा सकती थी।
इस पर राज्य सरकार को करीब 1 करोड रुपए का राजस्व का लाभ हुआ , यदि छापेमारी नहीं होती तो ये अवैध शराब मार्केट में जाती जिससे सरकार को करीब एक करोड़ का नुकसान होना था।
बताते हैं कि इस इएनए में लाइसेंस फीस के रूप में 7979940 ,एडिशनल लाइसेंस फीस के रूप में 278370 रूपये , टीएसए फंड के रूप में 61860 , कोविड फंड309300 , इंपैक्ट फीस 11046 , बॉटलिंग फीस 107018 , एक्साइज ड्यूटी 709123 और वैट 345063 रूपये शामिल है यानी कुल मिलाकर विभाग ने हिमाचल प्रदेश सरकार का करीब एक करोड़ का राजस्व बचा लिया।
राज्य कर एवं आबकारी उपायुक्त सिरमौर प्रितपाल सिंह ने बताया कि इस छापेमारी से सरकार का करीब एक करोड़ रूपये राजस्व बचा किया है। उन्होंने कहा कि शराब अवैध तरीके से निर्मित की जा रही थी जिसके चलते विभाग द्वारा कार्रवाई अमल में लाई है।
उन्होंने कहा कि छापेमारी करने वाली टीम में सहायक आयुक्त भूप राम, गगनेश कुमार, आबकारी निरीक्षण पंकज कुमार, चिरंजी लाल, राजिंद्र के अलावा आबकारी कर्मचारी श्याम लाल आदि शामिल थे।
उन्होंने कहा कि फिलहाल इस अवैध शराब फैक्ट्री को सील कर दिया गया है। यदि विभाग समय पर यह कार्रवाई नहीं करता तो सरकार के राजस्व को एक करोड़ के लगभग चूना लग सकता था।