फ्रॉड से बचने के लिए अब एटीएम के एलईडी डिस्प्ले टच पैड पर रंगों को दबाकर दर्ज कर सकेंगे पिन
प्रदेश में इन दिनों फ्रॉड के मामले सामने आ रहे है। वहीं अब लोग बैंक उपभोक्ता अब एटीएम फ्रॉड से बच सकेंगे। उपभोक्ता एटीएम के एलईडी डिस्प्ले टच पैड पर रंगों को दबाकर भी पिन नंबर दर्ज कर सकेंगे
यंगवार्ता न्यूज़ - हमीरपुर 28-06-2022
प्रदेश में इन दिनों फ्रॉड के मामले सामने आ रहे है। वहीं अब लोग बैंक उपभोक्ता अब एटीएम फ्रॉड से बच सकेंगे। उपभोक्ता एटीएम के एलईडी डिस्प्ले टच पैड पर रंगों को दबाकर भी पिन नंबर दर्ज कर सकेंगे। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) हमीरपुर ने नई तकनीक विकसित की है।
एटीएम से सुरक्षित लेनदेन के लिए इस तकनीक को आईपी ऑस्ट्रेलिया (ऑस्ट्रेलियाई सरकार) से पेटेंट करवाया गया है। जल्द ही नई तकनीक बैंकों को दी जाएगी। नई तकनीक के तहत उपभोक्ता को एटीएम में कार्ड डालने के बाद सामान्य या सुरक्षित मोड का चयन करना होगा।
सामान्य मोड में एटीएम सामान्य तरीके से कार्य करेगा। सुरक्षित मोड के चयन पर उपभोक्ता को पंजीकृत मोबाइल नंबर पर रंग और नंबर मैपिंग का मेसेज आएगा। इसके बाद उपभोक्ता एटीएम के एलईडी डिस्प्ले टच पैड पर रंगों को दबाकर पिन नंबर दर्ज करेगा।
इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. राम निवास महिया ने बताया कि इस पेटेंट का मुख्य उद्देश्य स्मार्ट फोन की मदद से सत्यापन के लिए एटीएम पिन नंबर दर्ज करने के लिए कलर कोड कुंजियों का उपयोग करके एटीएम में बेहतर सुरक्षा प्रदान करना है।
एनआईटी हमीरपुर के निदेशक प्रो. एचएम सूर्यवंशी, विद्युत अभियांत्रिकी विभाग के विभागाध्यक्ष, संकायों एवं कर्मचारियों ने डॉ. महिया को इस सफलता के लिए बधाई दी। इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. राम निवास महिया ने अपनी टीम के सदस्यों पवन सिंह, प्रतीक सिंघल, बसीम खान, एस राजकुमार, एल देवी, एस कंचना और ओम प्रकाश महेला के अलावा अन्य संस्थानों के साथ इस तकनीक को ईजाद किया है।
एनआईटी हमीरपुर के सहायक प्रोफेसर डॉ. रोहित धीमान और प्रोफेसर राजीवन चंदेल को पेटेंट कार्यालय भारत सरकार की ओर से मानवीय रूप से संरक्षित जलीय पर्यावरण में जीवन को समृद्ध करने के लिए पेटेंट स्वीकृत किया गया है। उन्होंने औद्योगिक अनुप्रयोगों के लिए कई जलीय मापदंडों की दूरस्थ निगरानी के लिए एक नई एकीकृत प्रणाली का आविष्कार किया है।
इस आविष्कार को इंटरनेट ऑफ थिंग्स के माध्यम से डिजाइन किया गया है जो किसानों को समय-समय पर सेंसर नोड्स का उपयोग करके जल के विभिन्न मापदंडों के बारे में जानकारी प्रदान कर सकता है। वर्तमान आविष्कार की प्रणाली में जलीय मापदंडों को मापने के लिए कई सेंसर से युक्त सेंसर नोड्स शामिल हैं।
इसमें किसी विशेष साइट के सेंसर नोड से प्राप्त मापदंडों को एक दूरस्थ इकाई में स्थानांतरित करने के लिए एक बेस स्टेशन भी शामिल है। इसके अलावा, सिस्टम भंडारण, विश्लेषण और चेतावनी के लिए कई बेस स्टेशनों से डेटा प्राप्त करने के लिए रिमोट मॉनिटरिंग यूनिट का भी प्रावधान है। इस तकनीकी के जरिए तालाब या झील के पानी की शुद्धता और उसमें पल रही मछली की सेहत की मोबाइल फोन और एप से निगरानी की जा सकती है।