बड़ा देव कमरूनाग की पवित्र झील में चोरों ने की सेंधमारी, चोरों की हरकत सीसीटीवी कैमरे में कैद
हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के अधिष्ठाता बड़ा देव कमरुनाग मंदिर में चौकीदारों को कमरे में बंद कर दस से ज्यादा शातिर सोना-चांदी लूटने के लिए पवित्र कमरुनाग झील में घुस गए
यंगवार्ता न्यूज़ - मंडी 13-08-2022
हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के अधिष्ठाता बड़ा देव कमरुनाग मंदिर में चौकीदारों को कमरे में बंद कर दस से ज्यादा शातिर सोना-चांदी लूटने के लिए पवित्र कमरुनाग झील में घुस गए।
उन्होंने मंदिर स्थल पर ढाबा संचालकों को भी दराट दिखाकर धमकाया। सोना-चांदी और नकदी निकालने के लिए झील से कथित छेड़छाड़ की गई है। लाठियां लेकर शातिरों के मंदिर में घुसने का वीडियो भी सामने आया है। घटना बीते सोमवार रात की बताई जा रही है।
जानकारी के अनुसार सोमवार देर रात को कुछ लोग मुखौटे लगाकर और लाठी-डंडों व हथियारों के साथ झील परिसर के पास आए और जिन कमरों में चौकीदार सोए हुए थे, उन्हें बाहर से बंद कर दिया। वहीं, झील परिसर के पास ढाबा चलाने वालों को भी दराट दिखाकर चुप रहने को कहा।
इसके बाद ये लोग झील में घुसे और काफी देर बाद बाहर आकर वहां से फरार हो गए। हालांकि मंदिर परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं लेकिन अधिकतर कैमरे खराब बताए जा रहे हैं। एक कैमरे में जो वीडियो रिकॉर्ड हुआ है, उसमें भी कुछ स्पष्ट पता नहीं चल पा रहा है।
वहीं, देव कमरूनाग मंदिर कमेटी ने अभी तक इस मामले को लेकर पुलिस में कोई शिकायत दर्ज नहीं करवाई है। देव कमरूनाग के कटवाल काहन सिंह से जब इस बारे में बात की गई तो उन्होंने चौंकाने वाला खुलासा कर दिया। उन्होंने बताया कि देव कमरूनाग झील में हर वर्ष चोरी होती है। कुछ लोग बरसात और सर्दियों के दिनों में मुखौटे पहनकर यहां आते हैं और चोरी की वारदात को अंजाम देकर चले जाते हैं।
चोरी की यह घटनाएं सदियों से होती आ रही हैं। कई बार पुलिस के साथ यहां पहरा भी बैठाया, लेकिन जिस दिन पहरा बैठाया जाता है, उस दिन चोर आते ही नहीं हैं। हमनें जो चौकीदार रखें हैं उन्हें हर बार बंधक बना लिया जाता है। इसलिए अब हमनें पुलिस को शिकायत देना ही बंद कर दिया है।
वहीं, थाना प्रभारी गोहर निर्मल सिंह राणा ने बताया कि उन्हें इस बारे में अभी तक कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। यदि शिकायत मिलती है तो फिर कार्रवाई की जाएगी।
देव कमरूनाग की पवित्र झील में करोड़ों-अरबों का खजाना दबा पड़ा है। हर वर्ष यहां 15 जून को मेला होता है। उस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालू यहां आते हैं। जिनकी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं वो श्रद्धानुसार झील में पैसा और सोना-चांदी चढ़ाते हैं। यह प्रथा सदियों से चली आ रही हैं और इस कारण झील में अथाह खजाना भरा पड़ा है। इस खजाने पर चोरों की पैनी नजर है।