यंगवार्ता न्यूज़ - ऊना 04-03-2021
ब्राह्मण को हर रोज पांच घरों में धर्म,न्याय व सत्कर्म की शिक्षा देनी चाहिए। यह बात वीरवार को महादेव मंदिर परिसर में कपिला परिवार के सौजन्य से स्वामी मंगलानन्द जी महाराज के आशीर्वाद व सरंक्षण में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के विराम दिवस पर प्रवचनों की बौछार करते हुए आचार्य शिव कुमार शास्त्री जी ने कही।
कथा को आगे बढ़ाते हुए कथा व्यास ने भगवान श्री कृष्ण व सुदामा का प्रसंग सुनाया। उन्होंने कहा कि सुदामा व उनके परिवार की भगवान में पूर्ण आस्था थी। उनके आस्था पूर्वक एक चावल के दाने के भगवान को अर्पण करने से समस्त ब्रहांड का पेट भर गया। सुदामा द्वारिका जाने के लिए निकले तो कीर्तन करती टोली के साथ चल पड़े। कीर्तन करते-करते सुदामा वाराणसी पहुंच गए।
इसके बाद वह द्वारिका के लिए निकले तो नदी पार करवाने के लिए स्वयं भगवान केवट बनकर पहुंच गए। केवट स्वरूप में भगवान श्रीकृष्ण ने सुदामा से किराए के बदले गरीबी ले ली। चार घरों के मांगे चावलों से भरी पोटली लेकर भगवान श्रीकृष्ण के दर्शन करने सुदामा भगवान के दर पहुंचे।
उनको देखकर भगवान प्रफुल्लित हो उठे। श्रीकृष्ण व सुदामा की अटूट मित्रता थी। सुदामा को गले लगाकर श्रीकृष्ण खूब रोए। गुरु माता द्वारा दिए चने श्रापित होने के चलते सुदामा ने उसे श्रीकृष्ण को खाने को नही दिया। भगवान श्रीकृष्ण ने चार मुठी चावल के बदले सुदामा को समस्त ब्रह्मांड के सुख दे दिए। उन्होंने कहा कि वाणी व लोभ पर नियंत्रण करके झगड़ों को टाला जा सकता है।
अपने माता-पिता व बड़े बजुर्गों का आदर करना चाहिए। एक कहे और दूसरा माने,इससे बड़ी समस्याओं का निदान होता है। महाभारत में पांडवों के पक्ष में धर्म था इसलिए पांडवों की जीत हुई थी। नशे पर चोट करते हुए शिव कुमार शास्त्री ने कहा कि समाज को नशों के खिलाफ अभियान चलाना चाहिए।
आचार्य शिव कुमार शास्त्री ने भजनों की लड़ी सुनाकर संगतों को भावभिवोर कर दिया।इस अवसर पर स्वामी मंगलानन्द महाराज ने सभी श्रद्धालुओं को आशीर्वाद दिया। कथा के विराम दिवस पर हवन यज्ञ का आयोजन किया गया। वही विशाल भंडारे में सैंकड़ों श्रद्धालुओं ने लंगर का प्रसाद ग्रहण किया।
इस अवसर पर कथा आयोजक दर्शना कपिला, राकेश कपिला,सुमन कपिला,पूजा कपिला,पलक, कृष्णा, विजय साहनी,अश्वनी जैतक, अशोक ओहरी,रामपाल धीमान,सोमनाथ कौशल सहित भारी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।