बांस के डंडे पर सरकार , आज भी पालकी उठा  कर अस्पताल पहुंचना पड़ता है मरीज 

हिमाचल सरकार भले ही हर गांव के लिए सड़क पहुंचाने का दावा कर रही है, परंतु उपमंडल सरकाघाट की ग्राम पंचायत भाम्बला के रटोली गांव में आज भी लोग पालकी के सहारे मरीज को हॉस्पिटल पहुंचाने के लिए मजबूर हैं।

बांस के डंडे पर सरकार , आज भी पालकी उठा  कर अस्पताल पहुंचना पड़ता है मरीज 

यंगवार्ता न्यूज़ - मंडी  18-01-2022

हिमाचल सरकार भले ही हर गांव के लिए सड़क पहुंचाने का दावा कर रही है, परंतु उपमंडल सरकाघाट की ग्राम पंचायत भाम्बला के रटोली गांव में आज भी लोग पालकी के सहारे मरीज को हॉस्पिटल पहुंचाने के लिए मजबूर हैं।

लोक निर्माण विभाग सड़क के किनारे स्लोगन लिखता है कि सड़कें हमारी भाग्य की रेखाएं हैं, लेकिन इस गांव के लोगों की भाग्य की रेखाएं आज दिन तक नहीं बनी।

 ताजा मामले में रटोली वार्ड के भोलू घाट गांव के लोगों ने एक बुजुर्ग महिला की तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर पालकी में उठाकर बहुत ही खराब और संकरे रास्ते से चलकर सड़क तक पहुंचाया। कई बार तो रात के समय यदि कोई व्यक्ति गंभीर रूप से बीमार हो जाए तो वह रास्ते में भी दम तोड़ देता है।

रास्ता भी बहुत की संकरा है जिस पर पैदल चलना भी बहुत कठिन है। साथ में खाई में गिरने का खतरा भी बना रहता है। स्थानीय लोगों का बताया की उन्होंने सड़क निकलने के लिए लोक निर्माण विभाग को अपनी जमीन की गिफ्ट डीड बनाकर भी दे दी है। चार वर्ष बीत जाने के बावजूद लोक निर्माण विभाग कोई भी कार्रवाई अमल में नहीं ला रहा है।

ग्रामीणों का कहना है कि सड़क के अभाव में जहां गृह निर्माण सामग्री घर तक पहुंचाना मुश्किल है, वहीं किसी व्यक्ति के बीमार होने के बाद उसे अस्पताल पहुंचाना भी किसी चुनौती से कम नहीं है।

 स्थानीय लोगों में ग्रामीण जगदीश चंद, विनोद कुमार, कुलदीप चंद, श्याम लाल, महेंद्र, संतोष कुमारी, सुमन कुमारी, अमिता , अनीता, निर्मला , अमनदीप , मनीष कुमार, विशाल ने कहा कि इस बारे कई बार ग्राम पंचायत भांबला की प्रधान सुनीता देवी , विधायक कर्नल इंद्र सिंह , प्रशासन और सीएम तक से गुहार लगाई पर पिछले कई सालों से आश्वासन पर आश्वासन ही मिलते रहे हैं।

ग्रामीणों ने सरकार व विभाग से जल्द सड़क निर्माण की मांग की है। इस बारे में भांबला पंचायत की प्रधान सुनीता देवी ने बताया कि इस के लिए पंचायत द्वारा तीन लाख रुपए की निधि स्वीकृत की गई है, परंतु शुरू में ही लोक निर्माण विभाग लगभग तीन वर्ष पहले डंगा गिरा था, परंतु आज दिन तक लोक निर्माण विभाग इस डंगे के कंक्रीट को नहीं उठा रहा है।