मानव खून की प्यासी बनी हिमाचल की भाग्य रेखाएं , सडक़ हादसों में हर दिन जान गवां रहे तीन लोग 

हिमाचल प्रदेश में हर रोज तीन से ज्यादा लोगों की अलग-अलग हादसों में मौत हो रही है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से जारी रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक पहली मार्च से लेकर अब तक कुल 126 लोगों की मौत हो चुकी

मानव खून की प्यासी बनी हिमाचल की भाग्य रेखाएं , सडक़ हादसों में हर दिन जान गवां रहे तीन लोग 
 
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला   10-04-2023

हिमाचल प्रदेश में हर रोज तीन से ज्यादा लोगों की अलग-अलग हादसों में मौत हो रही है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से जारी रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक पहली मार्च से लेकर अब तक कुल 126 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से सबसे ज्यादा मौतें सडक़ हादसों में हुई है 126 में से 103 मौतें सडक़ हादसों के कारण हुई है। 
 
 
हालांकि हिमाचल प्रदेश में परिवहन विभाग पुलिस विभाग और लोक निर्माण विभाग द्वारा सडक़ हादसों को रोकने के लिए अलग-अलग तरह के प्रयास किए जा रहे हैं। बावजूद इसके भी प्रदेश में सडक़ हादसों का दौर थम नहीं रहा है। पिछले एक महीने दस दिनों में सबसे ज्यादा सडक़ हादसे सोलन जिला में हुए हैं। 
 
 
सोलन जिला में इस अवधि के दौरान कुल 23 लोगों की सडक़ हादसे में मौत हुई है। सोलन के बाद दूसरा स्थान शिमला जिला का है, यहां 16 लोगों की मौत हुई है। बिलासपुर जिला में आठ, चंबा और हमीरपुर जिला में तीन -तीन, कुल्लू जिला में एक, मंडी जिला में 12, सिरमौर जिला में 14 और ऊना जिला में सात लोगों की मौत सडक़ हादसों में हुई है। 
 
 
लाहुल-स्पीति एकमात्र ऐसा जिला है, जहां पर सडक़ हादसे में कोई भी मौत नहीं हुई है। परिवहन विभाग के अधिकारियों की माने तो हिमाचल प्रदेश में 96 फीसदी सडक़ हादसे मानवीय भूलों के कारण हो रहे हैं।