राजगढ के सनातन धर्म मंदिर परिसर मे चल रहे श्रीमद भागवत कथा भक्ति ज्ञान यज्ञ मे बह रही भक्ति की गंगा

राजगढ के सनातन धर्म मंदिर परिसर मे चल रहे श्रीमद भागवत कथा भक्ति ज्ञान यज्ञ मे बह रही भक्ति की गंगा

यंगवार्ता न्यूज़ - राजगढ   26-08-2021

श्री सनातन धर्म मन्दिर सभा के सौजन्य से राजगढ़ मे चल रहे श्रीमद भागवत कथा के प्रवचन में दिव्य रसास्वादन आचार्य तरुण जी महाराज द्वारा भागवत का महात्म्य श्रवण करवाया गया। जिसमें उन्होंने भगवान के स्वरूप का दिव्य ज्ञान भक्तों को दिया भगवान का स्वरूप केसा है। 

जो संत घन चित्त घन आनंद घन है ऐसे श्री सचितानंद भगवान जिनकी चरण शरण ग्रहण करते ही जीव के ताप त्रय तीन प्रकार के तापो को जो पल भर में भस्मीभूत कर दे जो मनुष्य के अंदर अंधकार रूपी अज्ञान बैठा है। 

प्रभु करोड़ो सूर्य के समान  चमकने  वाली उस दिव्य ज्योति को हमारे अंदर स्थापित करते जिससे हमारा अंधकार समाप्त हो जाता है।

उन्होंने कहा श्रीमद्भागवत कथा कलुयग में अनंत पूण्य को देने वाली है इसके श्रवण मात्र से एक नही जब अनेकानेक जन्मो के पुण्य उदय होते है। 

तभी हमे भगवान की कथा सुनने का अवसर प्राप्त होता है। उनका कहना था कि ब्यास जी द्वारा नाना प्रकार के दृष्टांतो द्वारा  सभी को आंनद प्राप्त हुआ धुंदुकारी गोकर्ण की दिव्य कथा भक्ति ज्ञान वैराग्य की दिव्य कथा का भी विस्तार से श्रवण कराया गया आर्चाय ने कहा कि श्री मद्भागवत कथा को सुनना नही पीना चाहिए। 

किसी ने पूछा कब तक पिये तो कहते है कि जब तक पीते पीते स्वयं रसमय नही हो जाते  ओर अज्ञान की सभी ग्रन्थियां खुल ना जाये तब तक बार बार पियो विद्या चार चीज़े मांगती है। 

अध्यन अध्यापन अभ्यास ओर व्यवहार जो ज्ञान हमने सुना है उसका अध्यन भी निरंतर होना चाहिए और जब वो ज्ञान आपका अभ्यास बन जाये तब उसे व्यवहार में उतारो यदि सुना हुआ ज्ञान अपने जीवन मे नही उतारा तो वो ज्ञान व्यर्थ है।