लीक हुआ टीचर भर्ती का ड्राफ्ट , तीन साल का होगा अस्थाई शिक्षकों का कॉन्ट्रैक्ट जानिए... 

राज्य सरकार शिक्षा विभाग में जो अस्थाई टीचर भर्ती करने की योजना कैबिनेट सब-कमेटी के माध्यम से बना रही है, उसका ड्राफ्ट प्रारंभिक शिक्षा विभाग से लीक होने से हडक़ंप मच गया है। इस ड्राफ्ट के अनुसार 3104 शिक्षकों की भर्ती अस्थायी तरीके से होगी और इन्हें लगभग कांट्रैक्ट टीचर्स के बराबर ही वेतन प्रस्तावित किया

लीक हुआ टीचर भर्ती का ड्राफ्ट , तीन साल का होगा अस्थाई शिक्षकों का कॉन्ट्रैक्ट जानिए... 

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला  27-04-2023

राज्य सरकार शिक्षा विभाग में जो अस्थाई टीचर भर्ती करने की योजना कैबिनेट सब-कमेटी के माध्यम से बना रही है, उसका ड्राफ्ट प्रारंभिक शिक्षा विभाग से लीक होने से हडक़ंप मच गया है। इस ड्राफ्ट के अनुसार 3104 शिक्षकों की भर्ती अस्थायी तरीके से होगी और इन्हें लगभग कांट्रैक्ट टीचर्स के बराबर ही वेतन प्रस्तावित किया गया है। हालांकि अभी इस पूरी प्रक्रिया में फैसला होना बाकी है। यह ड्राफ्ट प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने शिक्षा सचिव को भेजा था। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि ई-डिस्पैच की प्रक्रिया से यह लीक हो गया। 
 
 
इससे पहले भेजे गए डॉक्यूमेंट में शिक्षकों के लिए ट्रांसफर की सुविधा के साथ रेगुलर से रिप्लेस करने की बात भी थी, जिसे अब संशोधित कर हटा दिया गया है। कार्मिक विभाग ने इसी प्रक्रिया में शिक्षा विभाग से यह भी पूछा था कि अस्थायी भर्तियों के मामले में जो विभिन्न न्यायालयों ने भर्ती नियमों से बाहर जाकर भर्ती न करने के आदेश दे रखे हैं, उनका क्या होगा? इसका भी जवाब अभी तक नहीं मिला है। भर्ती डिप्टी डायरेक्टर और डायरेक्टर के स्तर पर होगी, लेकिन कौन सी कमेटी इस प्रक्रिया को पूरी करवाएगी? ये जानकारी नहीं है। ड्राफ्ट में एक जगह इन भर्तियों को ट्राइबल, डिफिकल्ट एरिया और अदर एरियाज में करने की बात कही गई है, तो दूसरी जगह ट्राइबल, डिफिकल्ट और बैकवर्ड एरिया में। 
 
 
एक जगह लगातार वैकेंसी के स्कूलों का भी जिक्र है। इसलिए लीक होकर बाहर आए इस ड्राफ्ट में कई खामियां हैं और कैबिनेट सब कमेटी को पहले इन खामियों को दूर करना होगा। इसकी वजह यह है कि इस तरह की भर्तियां आखिर में सुप्रीम कोर्ट तक जाती हैं और सारा रिकॉर्ड भी कोर्ट में रखना पड़ता है। इस ड्राफ्ट में जहां बहुत सी गलतियां हैं, वहीं दूसरी ओर कई महत्त्वपूर्ण बिंदु मिसिंग हैं। इस ड्राफ्ट को पॉलिसी का नाम दिया गया है, लेकिन पॉलिसी कंप्लीट नहीं है। एक जगह इन शिक्षकों को फिक्स सैलरी टीचर कहा गया है और दूसरी जगह सिर्फ एजुकेशन टीचर। पहले की तरह एसएमसी, पीटीए, पैरा टीचर जैसा कोई नाम इस्तेमाल नहीं हुआ है। 
 
 
वेतन को लेकर एक जगह हॉनरेरियम लिखा गया है और दूसरी जगह सैलरी। एक पेज पर इन शिक्षकों को फिक्स सैलरी टीचर कहा गया है, तो दूसरी जगह पीरियड बेसिस टीचर भी। आरक्षण रोस्टर सेवा शर्तों और भर्ती कमेटी को लेकर भी स्पष्टता नहीं है। आरक्षण रोस्टर जिला या स्टेट के स्तर पर कैसे तय होगा? यह इस ड्राफ्ट में नहीं है। गुरुवार को रोजगार पर बनाई कैबिनेट सब कमेटी की इसी महीने तीसरी बैठक उद्योग मंत्री हर्षवर्धन सिंह चौहान की अध्यक्षता में होगी, जिसमें शिक्षा विभाग की भर्तियों के बारे में कोई अंतिम फैसला हो सकता है। कैबिनेट पर कमेटी ने शिक्षा विभाग से वैकेंसी पोजीशन और आरक्षण रोस्टर को लेकर भी जानकारी मांगी है। 
 
 
इससे पहले कार्मिक और वित्त विभाग द्वारा इस फाइल पर लगाई गई ऑब्जरवेशन को भी कैबिनेट सब कमेटी में रखा जा सकता है। सब कमेटी की सिफारिश फाइनल करने के बावजूद इस प्रक्रिया को कार्मिक, विधि और वित्त विभाग से क्लियर करवाना चुनौती रहेगी। पीटीए और एसएमसी के मामले में न्यायालय ने राज्य सरकार को बैक डोर भर्तियां ना करने की सलाह दे चुके हैं।