विश्लेषण : रिटायरमेंट पार्टी और हेल्थ कैंप के बहाने राजनीतिक जमीन तलाश रहे राणा
सेवानिवृत्ति के दो वर्ष बाद पैतृक गांव में आयोजित किया समारोह , दूरदराज के इलाके से पहुंचे हजारों लोग
यंगवार्ता न्यूज़ - शिलाई 15-05-2022
हिमाचल प्रदेश में इस वर्ष के अंत में विधानसभा के चुनाव होने हैं , जिसके चलते अब राजनीति में अपनी किस्मत आजमाने वाले सक्रिय हो गए हैं या यूं कहें कि जिन लोगों के मन में चुनाव लड़ने की इच्छा है वह अब धीरे-धीरे लोगों के बीच संपर्क साध रहे हैं जिला सिरमौर के गिरिपार क्षेत्र के शिलाई निर्वाचन क्षेत्र के दूरदराज इलाके की ग्राम पंचायत मिल्ला के सेवानिवृत्त चीफ इंजीनियर वीर सिंह राणा ने अपने पैतृक गांव मिल्ला में सेवानिवृत्त कार्यक्रम समारोह आयोजित किया।
साथ ही इस मौके पर एक चिकित्सा शिविर आयोजित किया गया जिसमें उत्तरी भारत के नामी मेडिकल इंस्टीट्यूट पीजीआई चंडीगढ़ के करीब डेढ़ दर्जन चिकित्सकों ने लोगों का चेकअप किया। इसी दौरान रिटायर्ड चीफ इंजीनियर वीर सिंह राणा ने रिटायरमेंट पार्टी के बहाने लोगों के नब्ज टटोलनी चाही। बताते हैं इस कार्यक्रम के लिए करीब दस हजार से अधिक लोगों को निमंत्रण दिया गया था। भले ही कार्यक्रम में इतने लोग नहीं पहुंच पाए लेकिन करीब ढाई हजार के आसपास लोगों ने इसमें शिरकत की।
इस कार्यक्रम में न केवल भाजपा के बल्कि कांग्रेस के भी कई लोगों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई। जानकार बताते हैं रिटायरमेंट पार्टी तो केवल मात्र एक बहाना है असली मकसद तो शिलाई क्षेत्र के मतदाताओं की नब्ज नब्ज टटोलना था। इस दौरान जहां एक और लोगों के स्वास्थ्य का चेकअप हो रहा था वहीं दूसरी ओर नाटियों का दौर भी चल रहा था। इस कार्यक्रम में क्षेत्र के लोगों ने जमकर ठुमके लगाए।
राजनीति के माहिर बताते हैं कि वीर सिंह राणा करीब सात वर्षों से राजनीति में आने की लालसा पाले हुए हैं , लेकिन अभी तक अपनी राजनीतिक जमीन नहीं तलाश पाए या यूं कहें कि वर्ष 2015 से ही चुनाव लड़ने की बिसात बिछाई थी और वह वर्ष 2017 का विधानसभा का चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन उन्हें किसी भी राजनीतिक दल उम्मीदवार नहीं बनाया।
जानकार बताते हैं कि वर्ष 2017 से वीर सिंह राणा की जहां प्रेम कुमार धूमल और अनुराग ठाकुर से नजदीकियां है कि वही उनके संबंध होलीलाज में भी बताए जाते थे। स्वयं वीर सिंह राणा भी यही कहते रहे कि उन्हें भाजपा और कांग्रेस किसी से भी टिकट मिल सकता है , लेकिन किसी भी राजनीतिक दल से टिकट मिलना तो दूर , सेवानिवृत्ति के दो वर्ष बाद भी वीर सिंह राणा अभी तक किसी भी पार्टी के प्राथमिक सदस्य नहीं बन पाए हैं। गत दिनों रिटायर्ड चीफ इंजीनियर वीर सिंह राणा ने पांवटा साहिब एक पत्रकार वार्ता आयोजित की जिसमें उन्होंने रिटायरमेंट पार्टी के मौके पर स्वास्थ्य शिविर का जिक्र किया था।
इस दौरान जब मीडिया ने उनसे चुनाव लड़ने को लेकर सवाल किया तो वीर सिंह राणा ने कहा कि वह वर्ष 2022 का चुनाव हर हाल में लड़ेंगे। उन्होंने यह साफ नहीं किया कि वह किस राजनीतिक दल से चुनाव लड़ेंगे। यह भी अभी तक रहस्य बना हुआ है। राणा के करीबियों का कहना है कि जहां उनकी नजदीकियां केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर से हैं वहीं उनके रास्ते होली लाज तक भी जाते हैं या यूं कहें कि राणा आज भी दो नावों पर सवार है।
वह अभी तक यह साफ नहीं कर पाए कि वह किस राजनीतिक दल से वर्ष 2022 का विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। राणा के करीबियों का कहना है कि इस मर्तबा उनका टिकट पक्का है , लेकिन उन्हें यह नहीं मालूम कि अभी तक वह किसी भी राजनीतिक दल के प्राथमिक सदस्य नहीं है। जो व्यक्ति किसी दल का प्राथमिक सदस्य नहीं है वह चुनाव लड़ने के कयास लगा रहा है। अब यह तो भविष्य ही तय करेगा कि ऊंट किस करवट बैठेगा।
स्वास्थ्य शिविर में 456 लोगों ने करवाई जांच
मिल्ला में आयोजित हेल्थ चेकअप कैंप में करीब साढ़े चार सौ से अधिक लोगों के स्वास्थ्य की जांच की गई। इस मौके पर पीजीआई चंडीगढ़ के विशेषज्ञों ने क्षेत्र के दूरदराज के इलाकों से पहुंचे रोगियों का स्वास्थ्य जांचा और उन्हें दवाइयां दी गई। इस कैंप के लिए क्षेत्र के लोगों ने सेवानिवृत्त चीफ इंजीनियर वीर सिंह राणा का आभार व्यक्त किया है।
लोगों का कहना है कि इस प्रकार के स्वास्थ्य जांच शिविर दूरदराज के इलाकों में लगाए जाने चाहिए ताकि लोगों को घर द्वार पर बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सके , क्योंकि ग्रामीणों के आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के चलते वह पीजीआई चंडीगढ़ तक नहीं पहुंच पाते हैं जिसके चलते कई मरीज उपचार के अभाव में दम तोड़ देते हैं।
ग्रामीणों का कहना है की वीर सिंह राणा ऐसे पहले व्यक्ति है जिन्होंने सेवानिवृति के बाद भी लोगों का दुःख दर्द समझा और दूरदराज के इलाके में पीजीआई जैसे संस्थानों के डॉक्टरों को को बुला कर लोगों के स्वास्थ्य की जांच करवाई। इसके लिए ग्रामीणों ने राणा का आभार व्यक्त किया है।