शिक्षकों को मंजूर नहीं सरकार की तबादला नीति, शिक्षक संघ ने उठाए सवाल
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 17-07-2020
हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ ने सिर्फ शिक्षकों के लिए लागू की जा रही तबादला नीति का विरोध किया है। शुक्रवार को हुई संघ की आपात बैठक की अध्यक्षता करते हुए वीरेंद्र चौहान ने कहा कि इस नीति को लेकर सरकार के समक्ष आपत्ति दर्ज करवाई जाएगी।
इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि संघ के प्रदेश में सभी कर्मचारियों को समानता का अधिकार है। सरकार शिक्षा विभाग को ट्रायल विभाग न बनाए।
राजकीय अध्यापक संघ ने सरकार से अपने घोषणा पत्र के अनुसार अनुबंध अध्यापकों के नियमितीकरण को तीन वर्ष के बजाएं दो वर्ष करने निर्णय लेने की मांग की है।
संघ के अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान ने कहा कि प्रधानाचार्य एवं मुख्य अध्यापकों सहित सभी वर्गों के शिक्षकों की पदोन्नति भी जल्द होनी चाहिए। प्रधानाचार्य की पदोन्नति पिछले दो वर्ष से रुकी पड़ी है।
संघ ने छह साल बाद , पांच साल बाद या फिर तीन साल बाद नियमित हुए अनुबंध शिक्षकों को उनकी प्रथम नियुक्ति से वरिष्ठता और अन्य सभी लाभ देने की मांग भी की है।
संघ ने 4-9-14 टाइम स्केल को 2009 की अधिसूचना के अनुसार बहाल करने एवं ग्रेड पे में लगी 2 साल की शर्त को हटाने, 2016 से केंद्र का नया वेतनमान लागू करने व भूतपूर्व सैनिकों को वरिष्ठता लाभ न देने की भी मांग की।
पीटीए, पैरा एवं पैट शिक्षकों के नियमितीकरण को लेकर विभाग के ढुलमुल रुख पर भी आपत्ति जताई गई। बैठक में संघ के राज्य चेयरमैन सचिन जसवाल, महासचिव श्याम लाल हांडा, चीफ पैटर्न अरुण गुलेरिया, पैटर्न सरोज मेहता, मनोहर शर्मा, दिलेर जमवाल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष संजीव ठाकुर, मुख्य प्रेस सचिव कैलाश ठाकुर, प्रेस सचिव संजय चौधरी, कमलराज अत्री, वित्त सचिव देव राज ठाकुर, उपाध्यक्ष गोविन्दर पठानिया, रमेश किमटा सहित कई अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे।