न्यूज़ एजेंसी - नई दिल्ली 30-06-2023
आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ एकजुट होने में लगे 17 विपक्षी दलों की शिमला में होने वाली बैठक अब बंगलूर में होगी। महागठबंधन की यह महाबैठक 13 और 14 जुलाई को होगी, जिमसेंं अगले लोकसभा चुनाव में भाजपा को हराने के लिए महामंथन किया जाएगा। एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने इसका ऐलान किया है। इससे पहले यह बैठक हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में होने वाली थी, लेकिन अब इसका स्थान बदल कर बंगलूर कर दिया गया है। यह बदलाव क्यों किया गया है, अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है, लेकिन अब यह मीटिंग 13 और 14 जुलाई को बंगलूर में होगी। विपक्षी एकजुटता का संयोजक कौन होगा। इस बारे में फैसला बंगलूर मे होने वाली बैठक में किया जाएगा।
बैठक में तय होगा कि महागठबंधन को आगे किस तरह से बढऩा है। एकजुट होकर 2024 की लड़ाई लडऩी है। गौरतलब है कि पटना में हुई महागठबंधन की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े ने कहा था कि सभी नेता एक साथ आगे चुनाव लड़ेंगे, जबकि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा सीट बंटवारे के मुद्दे पर हम त्याग करने को तैयार हैं। देश बचाने के लिए हमें कुछ सीटें छोडऩी होंगी, तो वह भी किया जाएगा। विपक्षी एकता एक प्रक्रिया है, जो यहीं से आगे बढ़ेगी। यह विचारधारा की लड़ाई है। थोड़े-थोड़े मतभेद जरूर होंगे, लेकिन हम साथ हैं। भाजपा और आरएसएस हिंदुस्तान की नींव पर आक्रमण कर रहे हैं। यह विचारधारा की लड़ाई है और हम साथ खड़े हैं। पहाड़ी राज्य हिमाचल का मौसम भी शिमला में होने वाली प्रस्तावित बैठक के स्थगित होने का कारण माना जा रहा है।
देखा जाए तो प्रदेश में मानसून सक्रिय है और इस बार जुलाई माह में ज्यादा वर्षा की संभावना बनी हुई है। ऐसे में विपक्षी दलों की बैठक में कोई व्यवधान न पड़े, उसे देखते हुए बेंगलुरु को बैठक के लिए चुना गया है। मानसून के दौरान धुंध रहती है, जिससे एयर कनैक्टीविटी भी प्रभावित होती है। इस महागठबंधन में पटना में 17 दलों के जो 27 नेता शामिल हुए उनमें नीतीश कुमार (जदयू), ममता बनर्जी (टीएमसी), एमके स्टालिन (डीएमके), मल्लिकार्जुन खडग़े (कांग्रेस), राहुल गांधी (कांग्रेस), अरविंद केजरीवाल (आप), हेमंत सोरेन (झामुमो), उद्धव ठाकरे (एसएस-यूबीटी), शरद पवार (एनसीपी), लालू प्रसाद यादव (राजद),
भगवंत मान (आप), अखिलेश यादव (सपा), केसी वेणुगोपाल (कांग्रेस), सुप्रिया सुले (एनसीपी), मनोज झा (राजद), फिरहाद हकीम (एआईटीसी), प्रफुल्ल पटेल (एनसीपी), राघव चड्ढा (आप), संजय सिंह (आप), संजय राउत (एसएस-यूबीटी), ललन सिंह (जदयू), संजय झा (राजद), सीताराम येचुरी (सीपीआईएम), उमर अब्दुल्ला (नेकां), टीआर बालू (डीएमके), महबूबा मुफ्ती (पीडीपी), दीपंकर भट्टाचार्य (सीपीआईएमएल) तेजस्वी यादव (राजद), अभिषेक बनर्जी (एआईटीसी), डेरेक ओ ब्रायन (एआईटीसी), आदित्य ठाकरे (एसएस-यूबीटी) और डी राजा (सीपीआई) इत्यादि शामिल रहे।