यंगवार्ता न्यूज़ - कांगड़ा 14-08-2021
पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने कहा कि विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत की संसद में सभी सीमाएं तोड़कर जो हुल्लड़बाजी हुई है, उससे देश का सिर नीचा हो गया है। सदन चलाने की जिम्मेवारी सरकार और अध्यक्षों पर होती है। संविधान में उन्हें कार्यवाही करने के अधिकार दिए हैं।
उसी समय कार्यवाही की जानी चाहिए। दुर्भाग्य से देश का लोकतंत्र भीड़तंत्र बनता जा रहा है। जिस देश में 19 करोड़ लोग रात को भूखे पेट सोते हैं, उस गरीब देश के खजाने से हुल्लड़बाजी करने के लिए नेताओं को करोड़ों रुपये दिए जाते हैं। सदन समाप्त होने के बाद अब दोनों सदनों के अध्यक्ष कार्यवाही पर विचार कर रहे हैं।
शांता ने कहा कि हिमाचल और देश में सबसे अधिक कर्मचारियों की हड़तालें होती थीं और बहुत बड़ी समस्या थी। 1990 में काम नहीं तो वेतन नहीं लागू किया। 29 दिन की हड़ताल का वेतन नहीं दिया।
तब से लेकर आज तक पूरी शांति हो गई है। सदन में यही नियम लागू किया जाए। कार्यवाही रोकने वाले सदस्य का पहले एक दिन का वेतन काटा जाए और बाद में पूरे महीने का वेतन काट लिया जाए। सदन में पूरी शांति हो जाएगी।