लाल सिंह शर्मा - हरिपुरधार 29-10-2022
आतंकवादियों से मुठभेड़ में जम्मू कश्मीर के बारामूला में शहीद हुए राइफलमैन कुलभूषण मांटा का पार्थिव शरीर शुक्रवार रात उनके पैतृक गांव तहसील कुपवी के मंझौली गांव गौंठ पंहुचा। जहां शनिवार को देश के लिए शहीद कुलभूषण मांटा को सैनिकों द्वारा सलामी दी गई। शनिवार को उनके अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे लोगों ने अपने लाल को श्रद्धांजलि दी।
बता दें कि शुक्रवार रात उनकी हरिपुरधार पहुंचने पर क्षेत्रवासियों ने श्रद्धासुमन अर्पित किए और शहीद कुलभूषण मांटा अमर रहे के नारे लगाए। इसके बाद रात 10 बजे सेना के जवानों व एंबुलेंस के साथ काफ़िला उपमंडल संगड़ाह के हरिपुरधार से कुपवी तहसील के मंझौली पंचायत के गौंठ गांव के लिए रवाना हुआ।
जानकारी के अनुसार बुधवार को मुठभेड़ के दौरान गोली लगने से गंभीर रूप से घायल कुलभूषण मांटा की आर्मी अस्पताल में गुरुवार को शहादत हो गई थी और आर्मी हैडक्वाटर चंडीगढ़ की एंबुलेंस से उनके पार्थिव शरीर को पैतृक गांव लाया गया। जहां शनिवार को उनको उनकी शहादत से न केवल शिमला के उपमंडल कुपवी, बल्कि साथ लगते सिरमौर के संगडाह, नौहराधार, हरिपुरधार में भी शोक की लहर है।
बताया जा रहा है कि बारामुला के सुल्तानपुर के जंगल में बुधवार को आतंकियों के छिपे होने की सूचना पर तलाशी अभियान चलाया था, जिसके बाद आतंकियों ने जवानों पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू की। इस दौरान आतंकियों की गोली कुलभूषण को लग गई और वह घायल हो गए। गंभीर हालत में उन्हें श्रीनगर के आर्मी के अस्पताल में भर्ती करवाया गया।
मगर चिकित्सक बचाने में नाकाम रहे और गुरुवार को उन्होंने दम तोड़ दिया। कुलभूषण अपने पीछे पत्नी नीतू कुमारी व मात्र अढ़ाई माह का बेटा छोड़ गए है। एक वर्ष पहले ही शहीद कुलभूषण की शादी हुई थी।
जानकारी के अनुसार साल 2014 में फौज में भर्ती हुए कुलभूषण मांटा अपने माता पिता के इकलौते बेटे थे। गौरतलब है कि सिरमौर जिला से सटे मंझौली गोंठ गांव के चलते अंतिम संस्कार के दौरान सिरमौर से भारी संख्या में लोग पहुंचें।