हिमाचल प्रदेश में केंद्र से आने वाले शिक्षा फंडिग पैटर्न में होगा बदलाव जानिए कैसे 

हिमाचल प्रदेश में केंद्र से आने वाले शिक्षा फंडिग पैटर्न में होगा बदलाव जानिए कैसे 

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला   15-05-2021

हिमाचल प्रदेश में केंद्र से आने वाले शिक्षा फंडिग पैटर्न में बदलाव होगा। केंद्र सरकार नई शिक्षा नीति के तहत इसमें बदलाव करने पर विचार कर रही है। केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद हिमाचल की दिक्कतें बढ़ सकती हैं। 

यही वजह है कि राज्य सरकार ने केंद्र से बजट के पैटर्न में बदलाव करने से पहले पिछले साल जिन योजनाओं का बजट जारी नहीं हुआ है, उसकी मांग की है। दरअसल हिमाचल को समग्र शिक्षा के तहत केंद्र से 300 करोड़ का बजट मिलना है।

कोविड व स्कूलों से समय पर यूसी न भेजने की वजह से केंद्र ने हिमाचल समग्र शिक्षा विभाग का बजट रोक दिया है। अब केंद्र से आने वाले इस बजट पर सकंट मंडरा रहा है। 

हालांकि शिक्षा विभाग में केंद्रीय प्रायोजित योजनाओं समग्र शिक्षा अभियान (एसएसए) और राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (आरएमएसए) में नए सिरे से बजट कैसे मिलेगा, अभी इस पर स्थिति स्पष्ट नहीं है।

राज्य सरकार ने केंद्र को पत्र लिखा है। इसमें मांग उठाई गई है कि इन दोनों योजनाओं के तहत वित्तीय वर्ष 2020-21 में अप्रूव ग्रांट पूरी जारी की जाए।

एसएसए और आरएमएसए में ऐसे प्रोजेक्ट जो अभी आगे भी चलने हैं, उनके लिए ग्रांट जारी रखी जाए, ताकि प्रदेश में ग्रामीण क्षेत्रों में छात्रों को बेहतर तरीके से शिक्षा दी जा सके। यदि केंद्र इन प्रोजेक्टों के लिए ग्रांट बंद कर देता है, तो विभाग को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। 

ऐसे में राज्य सरकार को अपने मद से ही इन प्रोजेक्टों को पूरा करने के लिए पैसा खर्च करना पड़ेगा। पिछले दो सालों से केंद्र से शिक्षा पर पूरा  बजट राज्य को नहीं मिल रही है। ऐसे में अब केंद्र सरकार की राहत पर शिक्षा विभाग की भी नजरें टीकी हुई हैं।

नई शिक्षा नीति लागू होने के बाद एसएसए और आरएमएसए के प्रारूप में बदलाव होगा। नई नीति में वोकेशनल विषयों पर ज्यादा फोकस किया गया है।

ऐसे में आरएमएसए में वोकेशनल विषयों की पढ़ाई के लिए ज्यादा फोकस किया जाएगा। विभाग अभी केंद्र के आदेशों का इंतजार कर रहा है। केंद्र से निर्देश आने के बाद ही इस दिशा में आगामी कार्रवाई होगी।