हिमाचल से जुड़े कुंभ मेले के फर्जी कोविड टेस्टिंग स्कैम के तार, प्रवर्तन निदेशालय
यंगवार्ता न्यूज़ - देहरादून 07-08-2021
हरिद्वार में हुए कुंभ मेले के दौरान फर्जी कोविड टेस्टिंग स्कैम की प्रवर्तन निदेशालय की जांच शिमला तक पहुंच गई है। अभी तक की जांच में पता चला है कि जिन जांच लैब का नाम इस फर्जी जांच रिपोर्ट के घोटाले में सामने आया है, उनमें से एक लैब का मालिक मूल रूप से शिमला जिला का रहने वाला है।
इस जानकारी के सामने आने के बाद ईडी ने शिमला या प्रदेश में फर्जी रिपोर्ट से अर्जित कमाई के निवेश और यहां भी फर्जी जांच रिपोर्ट जारी करने के एंगल से जांच शुरू कर दी है।
माना जा रहा है कि अगले कुछ दिनों में हिमाचल में भी निदेशालय बड़ी कार्रवाई कर सकता है। दरअसल, कुंभ मेले के दौरान उत्तराखंड सरकार ने कोविड रिपोर्ट के साथ ही प्रदेश में दाखिल होने का आदेश जारी किया था।
इस दौरान बड़ी संख्या में फर्जी कोविड रिपोर्ट जारी की गई, जिसकी वजह से उत्तराखंड से लेकर देशभर में अचानक कोविड के मामले बढ़ गए।
फर्जी रिपोर्ट की जानकारी मिलने के बाद उत्तराखंड पुलिस ने एफआईआर दर्ज की। इसी एफआईआर के आधार पर प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी।
जांच में पता चला कि एक ही या फर्जी मोबाइल नंबर, पता कई लोगों के स्पेसिमेन रेफरल फॉर्म ( एसआरएफ ) में दर्ज कर टेस्टिंग दिखा दी गई।
इससे टेस्टिंग की संख्या तो बढ़ गई लेकिन असर टेस्टिंग हुई ही नहीं। कई ऐसे मामले भी सामने आए जिनमें ऐसे लोगों के नाम पर टेस्ट कर दिए जो कभी कुंभ गए ही नहीं।
जांच में दौरान ही मिली जानकारी के आधार पर शुक्रवार को नोवस पैथ लैब, डीएनए लैब्स, मैक्स कॉरपोरेट सर्विसेज, डॉ लाल चंदानी लैब्स प्राइवेट लिमिटेड, नलवा लैबोरेट्रीज के कार्यालयों और इनके निदेशकों के देहरादून, हरिद्वार, दिल्ली, नोएडा और हिसार स्थित आवासीय परिसरों में छापेमारी की थी।
डीएनए लैब्स के मालिक की शिमला जिले में भी कई संपत्तियां होने की जानकारी मिली है। जिसके बाद अब जांच एजेंसी ने शिमला में जांच शुरू कर दी है