10 दिनों बाद ही ताश के पत्तों की तरह ढह गया जल शक्ति विभाग कार्यालय के समीप लगाई गई सुरक्षा दीवार 

संगड़ाह में करीब 10 दिन पहले जलशक्ति विभाग कार्यालय के परिसर में बनाया हुआ डंगा रविवार सुबह ताश की गड्डी की तरह ढह गया। डंगे का कुछ मलवा करीब 100 मीटर नीचे पालर मार्ग तक पहुंच गया। गनीमत यह रही कि जिस समय डंगा गिरा उस समय निचले मार्ग पर न तो कोई वाहन गुजर रहा

10 दिनों बाद ही ताश के पत्तों की तरह ढह गया जल शक्ति विभाग कार्यालय के समीप लगाई गई सुरक्षा दीवार 
 
यंगवार्ता न्यूज़ - हरिपुरधार  25-06-2023
 
संगड़ाह में करीब 10 दिन पहले जलशक्ति विभाग कार्यालय के परिसर में बनाया हुआ डंगा रविवार सुबह ताश की गड्डी की तरह ढह गया। डंगे का कुछ मलवा करीब 100 मीटर नीचे पालर मार्ग तक पहुंच गया। गनीमत यह रही कि जिस समय डंगा गिरा उस समय निचले मार्ग पर न तो कोई वाहन गुजर रहा था और न वहां से कोई व्यक्ति गुजर रहा था जिसके कारण बड़ा हादसा होने से बच गया। जानकारी के मुताबिक जल शक्ति विभाग ने कार्यालय परिसर के समीप ही पार्किंग के उद्देश्य से करीब चार लाख की लागत से एक डंगे का निर्माण करवाया था। 
 
 
बताया जा रहा है कि डंगे का निर्माण कार्य करीब 10 दिन पहले ही पूरा हुआ था। रविवार सुबह हुई बारिश के कारण डंगे का आधा हिस्सा धराशायी हो गया। जल शक्ति विभाग कार्यालय परिसर के समीप चार लाख की लागत बना डंगा गिरने से स्थानीय लोग विभाग व ठेकेदार की लापरवाही के साथ विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रहे है। एक्स एमएलए रुप सिंह व कुछ अन्य स्थानीय लोगों के अनुसार उन्होंने जल शक्ति विभाग के एसडीओ को कुछ महीने पहले यहां मलबे व कच्ची मिट्टी पर दीवार खड़ी न करने व ठीक से फाउंडेशन खोदने का सुझाव दिया था। 
 
 
डंगे के निर्माण में क्रेशर व नदी की रेत-बजरी की जगह स्थानीय चुना खदानों के मलबे के इस्तेमाल पर भी लोग सवाल उठा रहे हैं। संबधित विभाग के जेई संतोष शर्मा ने कहा कि डंगे के पीछे लोक निर्माण विभाग ने एक कलवट बना रखा है जो पिछले कई महीनों से बंद था। हाल ही में विभाग ने इस कलवट को खोल दिया। बारिश होने के बाद कलवट का पानी डंगे पर आ गया और डंगा ढह गया। 
 
 
उन्होंने कहा कि वह काफी समय से लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता को यहां पानी की निकासी की उचित व्यवस्था करने को कह रहे थे। मगर लोक निर्माण विभाग ने उनकी बात को अनसुना कर दिया। जल शक्ति विभाग नौहराधार के अधिशासी अभियंता मनीष कुमार ने कहा कि ठेकेदार को दोबारा डंगा लगाने के के लिए कह दिया गया है। ठेकेदार को पेमेंट का भुगतान तभी किया जाएगा जब डंगे का निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा।