15 सूत्रीय मांगों पर अमल करें बोर्ड , नहीं तो होगा प्रदेश व्यापी आंदोलन : देवराज शर्मा
यंगवार्ता न्यूज़ - नाहन 08-08-2021
हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत परिषद सेवानिवृत सर्व कर्मचारी संघ ने कहा है कि प्रदेश सरकार व विद्युत बोर्ड प्रबंधन द्वारा की जा रही सेवानिवृत्त कर्मचारियों की अनदेखी अब सहन नहीं की जाएगी। साथ ही चेताया कि यदि सेवानिवृत्त कर्मचारियों की 15 सूत्री मांग पर यदि ठोस समाधान के साथ निर्णय नहीं हुआ तो प्रदेश व्यापी आंदोलन छेड़ दिया जाएगा।
इस दौरान सेवानिवृत्त कर्मचारी संघ ने साफ कहा है कि विद्युत प्रबंधन वर्ग भ्रष्ट अधिकारियों पर नकेल कसे प्रमाण हम देगें। पदाधिकारियों ने कहा है कि बोर्ड को सशक्त बनाने के लिए हर संभव सहयोग के लिए संघ तैयार है। जिसके लिए प्रदेश भर में सेवानिवृत्त कर्मचारी संघ ने मांग पत्र पर जनजागरण व सम्पर्क अभियान छेड़ दिया है।
हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत परिषद सेवानिवृत सर्व कर्मचारी संघ की जिला स्तरीय बैठक नाहन में जिला अध्यक्ष युसुफ की अध्यक्षता में हुई। जिसमें 15 सूत्री मांग पत्र को तैयार कर ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी को प्रेषित किया गया व मांगों के शीघ्र समाधान की उम्मीद की गई है।
जिला स्तरीय बैठक में प्रदेश अध्यक्ष देवराज शर्मा, प्रदेश महामंत्री होशियार सिंह मुख्य तौर पर उपस्थित हुए। इस दौरान प्रदेश विद्युत परिषद सेवानिवृत्त सर्व कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष देवराज शर्मा ने दो टूक शब्दों में कहा है कि सेवानिवृत्त कर्मचारियों को विद्युत भत्ता क्यों नहीं दिया जा रहा है।
इसके अलावा सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए वरिष्ठता के आधार पर प्रदेश के विश्राम गृहों में आरक्षण मिलना चाहिए। जबकि सेवानिवृत कर्मचारियों के बच्चों के लिए नौकरियों में 20 प्रतिशत का कोटा निर्धारित किया जाए।
विद्युत परिषद कर्मचारी संघ ने कहा है कि सेवानिवृत कर्मचारियों के लिए एलटीसी की सुविधा के साथ साथ उनकी सेवा पुस्तिका को गृह मंडल में भेजना सुनिश्चित किया जाए। इसके साथ सेवानिवृत कर्मचारियों ने चिकित्सा व्यय प्रतिपूर्ति अथवा मेडिकल रिम्बर्समेंट के लिए दूसरे विकल्प पर विचार करने करने की मांग रखी है।
वहीं 65,70 व 80 वर्ष की आयु पर क्रमशः 5 प्रतिशत,10 प्रतिशत व 15 प्रतिशत को मूल वेतन में जोडना सुनिश्चित किया जाए। सेवानिवृत्त कर्मचारियों ने रिटायर होने वाले कर्मचारियों को पेंशन अविलम्ब जारी करने की मांग के साथ नौकरी के दौरान दुर्घटना का शिकार हुए कर्मचारियों के बच्चों को कम से कम एक साल के भीतर करूणामूलक आधार पर नौकरी मिलनी चाहिए।