25 फीसदी से कम रिजल्ट देने वाले शिक्षकों की नहीं होगी वेतन वृद्धि , शत प्रतिशत परीक्षा परिणाम देने वाले होंगे सम्मानित
दसवीं और बारहवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं में 25 फीसदी से कम परीक्षा परिणाम देने वाले शिक्षकों की वार्षिक वेतनवृद्धि रुक सकती है
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 20-07-2022
दसवीं और बारहवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं में 25 फीसदी से कम परीक्षा परिणाम देने वाले शिक्षकों की वार्षिक वेतनवृद्धि रुक सकती है। इन कक्षाओं में विषय वार कम परीक्षा परिणाम देने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई की तैयारी है।
उच्च शिक्षा निदेशालय ने स्कूल शिक्षा बोर्ड धर्मशाला से स्कूल अनुसार परीक्षा परिणाम देने को कहा है। इसके तहत 100 फीसदी परीक्षा परिणाम देने वाले 100 स्कूलों के शिक्षकों को सम्मानित भी किया जाएगा।
उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा की ओर से जारी पत्र के माध्यम से स्कूल शिक्षा बोर्ड से 60 फीसदी से अधिक अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों , टॉप 500 विद्यार्थियों , टॉप 50 विद्यार्थियों, 80 से 100 फीसदी और 25 से 50 फीसदी परिणाम देने वाले स्कूलों के नाम मांगे हैं।
इसके अलावा 49 फीसदी तक अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों की संख्या और स्कूलों के नाम भी देने को कहा गया है। शून्य से 25 फीसदी तक परीक्षा परिणाम देने वाले स्कूलों का ब्योरा भी मांगा गया है। निदेशालय के अधिकारियों ने बताया कि 25 फीसदी से कम परीक्षा परिणाम देने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई करने के लिए सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा।
इन शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी होंगे। संतोषजनक जवाब प्राप्त नहीं होने पर इन शिक्षकों की वार्षिक वेतन वृद्धि रोकने की सिफारिश की जाएगी। 29 जून को घोषित हुआ दसवीं कक्षा का परीक्षा परिणाम 87.5 फीसदी रहा है।
मेरिट सूची में शामिल 77 में से 66 विद्यार्थी निजी स्कूलों से रहे, जबकि सरकारी स्कूलों से मात्र 11 विद्यार्थी ही इस सूची में शामिल हो सके। बारहवीं कक्षा का परीक्षा परिणाम 93.91 फीसदी रहा। तीनों संकायों के कुल 92 टॉपर रहे। इनमें सरकारी स्कूलों के 45 और निजी स्कूलों के 47 विद्यार्थी शामिल हैं।