यंगवार्ता न्यूज़ - सोलन 23-04-2022
केंद्र सरकार की ई-नाम योजना के तहत दूसरी बार देश में प्रथम स्थान प्राप्त करने के बाद शनिवार को प्रदेश मार्केटिंग बोर्ड के अध्यक्ष बलदेव भंडारी ने सोलन मंडी के सभी कर्मचारियों, आढ़तियों, किसानों व बागवानों को शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि सभी के प्रयासों से सोलन की मंडी ने ई-नाम में यह मुकाम पाया है। बलदेव भंडारी शनिवार को सोलन में पत्रकार वार्ता में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि कृषि उपज मंडी सोलन ने ई-नाम के तहत वर्ष 2017-18 में 4 करोड़ 17 लाख, वर्ष 2018-19 में 9 करोड़ 52 लाख का, वर्ष 2019-20 में 23 करोड़ का, वर्ष 2020-21 में लॉकडाउन के बावजूद 20 करोड़ का व वर्ष 2021-22 में 25 करोड़ का कारोबार किया है।
इस प्रकार अब तक कुल 82 करोड़ किसानों के खातों में ऑनलाइन ट्रांसफर किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में इसके तहत 66 मंडियां कार्यरत हैं और 20 मंडियों का निर्माण कार्य चल रहा है। हिमाचल प्रदेश में 9 मंडियों पर 100 करोड़ खर्च किया जा रहा है इनमें 6 को अपग्रेड किया जा रहा है व 3 नई मंडियों का निर्माण हो रहा है। मार्केटिंग बोर्ड के माध्यम से 155 करोड़ नई मंडियों के निर्माण व अपग्रेड करने पर खर्च किए जा रहे हैं। जायका प्रोजेक्ट के तहत 31 करोड़ से मंडियों पर खर्च हो रहा है।
इस प्रकार प्रदेश में मंडियों के निर्माण व जीर्णोद्धार पर कुल 280 करोड़ रुपए खर्च किया जा रहा है। मार्केटिंग बोर्ड के अध्यक्ष ने कहा कि सोलन में ई-नाम भवन का निर्माण किया जा रहा है। इस पर 7.90 करोड़ खर्च होंगे। परवाणू में वर्ल्ड बैंक की मदद से 20 करोड़ खर्च किए जा रहे हैं, धर्मपुर में 1.11 करोड़ खर्च किए हैं। सोलन में भी सब्जी मंडी का जीर्णोद्धार किया गया है कोटा स्टोन से मंडी को चकाचक किया गया है। कुनिहार में 2 करोड़ की लागत से मंडी का निर्माण किया जाएगा। जिला में कुल 80 करोड़ के कार्य किए जाएंगे।
बलदेव भंडारी ने कहा कि पिछली सरकार ने प्रदेश के पुष्प उत्पादकों के बारे में कुछ नहीं सोचा और किसानों को बाहरी राज्यों की मंडियों में अपना उत्पाद लेकर जाना पड़ता था। अब सोलन में पहली फूल मंडी का निर्माण किया गया है, इसमें 10 दुकानें बना दी हैं और व्यापारियों को अलॉट कर दी हैं। मई माह में इन नई पुष्प मंडी की शुरुआत हो जाएगी।
प्रदेश के मैदानी इलाकों पांवटा, नालागढ़, नैना देवी, कांगड़ा, ऊना आदि में अनाज व धान की फसल अधिक होती है व इस सरकार ने पिछले वर्ष से प्रदेश में ही अनाज की खरीद शुरू की है। प्रदेश में 11 अनाज मंडियां भी खोली गई हैं। उन्होंने कहा कि किसानों, बागवानों, आढ़तियों व कर्मचारियों की टीम ने मेहनत से एपीएमसी का नाम ऊंचा किया है और आने वाले समय में भी और बेहतर कार्य किया जाएगा।