400 से अधिक वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों में डीपीई के पद ही स्वीकृत नहीं है , कैसे लागू होगी नई शिक्षा नीति 

एक तरफ तो सरकार द्वारा युवाओं को चुस्त-दुरुस्त रखने के लिए खेलो इंडिया , इंडिया फिट इंडिया मूवमेंट और खेलेगा युवा तो नशे से दूर रहेगा युवा जैसे कार्यक्रम शुरू किए हैं , दूसरी और आलम यह है कि हिमाचल प्रदेश के करीब 400 से अधिक वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला में डीपीई के पद ही स्वीकृत नहीं है

400 से अधिक वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों में डीपीई के पद ही स्वीकृत नहीं है , कैसे लागू होगी नई शिक्षा नीति 
 
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला  11-05-2022
 
एक तरफ तो सरकार द्वारा युवाओं को चुस्त-दुरुस्त रखने के लिए खेलो इंडिया , इंडिया फिट इंडिया मूवमेंट और खेलेगा युवा तो नशे से दूर रहेगा युवा जैसे कार्यक्रम शुरू किए हैं , दूसरी और आलम यह है कि हिमाचल प्रदेश के करीब 400 से अधिक वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला में डीपीई के पद ही स्वीकृत नहीं है जिसके चलते सरकार द्वारा खेलो के उत्थान के लिए चलाई गई योजनाओं को धरातल पर उतारना मुश्किल ही नहीं बल्कि असंभव भी है।  जानकारी के मुताबिक हिमाचल प्रदेश में करीब  चार सौ से अधिक वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला ऐसी है जिनमें डीपीई के पद ही स्वीकृत किए गए हैं। 
 
 
यदि मिडिल स्कूल और हाई स्कूलों की बात करते हैं तो हिमाचल प्रदेश में 2000 से अधिक पीटीआई के पद रिक्त पड़े हुए हैं। जानकारी के मुताबिक हिमाचल प्रदेश के अधिकतर स्कूलों में ना तो डीपीई है और ना ही पीटीआई जिसके चलते स्कूलों में खेल प्रतियोगिता को अमलीजामा पहनाना मुश्किल हो रहा है।  बताते हैं कि सरकार द्वारा स्पोर्ट्स पॉलिसी के तहत करोड़ों रुपए के ईनाम खिलाड़ियों के लिए घोषित किए हैं , लेकिन इन खिलाड़ियों को तैयार करने के लिए स्कूलों में शारीरिक शिक्षक ही नहीं होंगे तो खिलाड़ी कैसे तैयार होंगे। नई एजुकेशन पॉलिसी के तहत सभी स्कूलों में शारीरिक शिक्षा को अनिवार्य किया गया है लेकिन पॉलिसी में शिक्षकों के पदों को लेकर कोई जिक्र नहीं किया गया है।
 
 
 हिमाचल प्रदेश शारीरिक शिक्षक संघ का कहना है कि प्रदेश सरकार द्वारा स्कूलों में शारीरिक शिक्षा को अनिवार्य कर दिया है , लेकिन स्कूलों में शारीरिक शिक्षक नहीं होंगे तो खिलाड़ी कैसे तैयार किए जा सकते हैं।  मजे की बात तो यह है कि हिमाचल प्रदेश में जो वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला खुले हैं उनमें से 400 से अधिक स्कूलों में शारीरिक शिक्षकों के पद ही स्वीकृत नहीं है। खासकर डीपीई के पद 400 स्कूलों में सरकार द्वारा मंजूर ही नहीं किए गए हैं। 
 
 
आपको बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा फिट इंडिया मूवमेंट , खेलेगा इंडिया तो नशे से दूर रहेगा इंडिया तथा खेलो इंडिया जैसे कार्यक्रम शुरू किए हैं , लेकिन स्कूलों में डीपीई और पीटीआई के पद वर्षो से रिक्त पड़े हुए हैं जिससे हिमाचल प्रदेश के स्कूलों में खिलाड़ी खिलाड़ियों के लिए मुश्किलें सामने आ रही है। हिमाचल प्रदेश शारीरिक शिक्षक संघ ने सरकार से मांग की है कि हिमाचल प्रदेश में 2000 से अधिक स्कूलों में रिक्त पड़े पीटीआई के पदों को शीघ्र भरा जाए। साथ ही जो वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाएं खोली गई है उन पाठशालाओं में डीपीई के पद स्वीकृत किए जाए ताकि स्कूलों में छात्रों को शारीरिक शिक्षा दी जा सके।