500 साल बाद आई ऐसी दीपावली : डा. राजीव बिंदल 

500 साल बाद आई ऐसी दीपावली : डा. राजीव बिंदल 
यंगवार्ता न्यूज़ -  नाहन  13-11-2020
 
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एवं नाहन  विधायक डा, राजीव बिंदल  कहा कि वर्ष 2020 की दीपावली का 14 नवम्बर का दिन हम समस्त भारतवासियों के एक नवीन और एक नई उर्जा के साथ अत्यंत हर्ष और उल्लास का ऐतिहासिक दिवस है।
 
यह इसलिए कि चूँकि हमने आज के इस दीपावली पर्व की प्रतीक्षा करीब 500 सालों से की है। इस लिए हमें कहना पड़ रहा है कि दीपावली का यह महापर्व हमारे लिए करीब 500 सालों के बाद आया है।
 
5 अगस्त, 2020 को श्रीराम जन्म भूमि अयोध्या में भगवान श्री राम का भव्य मंदिर निर्माण भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में प्रारम्भ हुआ। आज जिस दीपावली महापर्व की हम सदियों से प्रतीक्षा कर रहे थे। वह फलीभूत हुआ है। एक दृष्टि से नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में आयोध्या में 5 अगस्त, 2020 को श्रीराम मंदिर का निर्माण प्रारम्भ होने से ही दीपावाली का महा पर्व प्रारम्भ हो गया था। पर, यह किसी कटु सत्य के साथ किसी विडंबना से कम नहीं रहा कि भगवान श्री राम के जन्म स्थान पर भव्य राम मंदिर के लिए से 500 सालों तक संघर्ष करना पड़ा। 
 
डा, बिंदल ने कहा कि श्रीराम मंदिर निर्माण, कइयों के लिए राजनीतिक विषय रहा होगा। किन्तु हमारे लिए संपूर्ण रूप से यह आस्था, विश्वास और सांस्कृतिक विरासत का विषय है। इसी लिए हमें पूर्ण विश्वास था कि आयोध्या में एक न एक दिन श्री राम जी का मंदिर जरूर निर्मित होगा। आप सबको वर्ष 2005 के सेतु समुद्रम परियोजना प्रकरण स्मरण होगा।
 
हमारे आस्था के अनुसार भगवान श्रीराम ने माता सीता को लंकापति रावण की कैद से मुक्त करने के लिए अपनी सेना को समुद्र के उस ओर भेजन के लिए समुद्र पर पुल तैयार किया था। जिसके माध्यम से श्रीराम और उनकी सेना ने लंका पर चढ़ाई कर विजय प्राप्त कर माता सीता को आयोध्या लेकर आए थे। वर्तमान की बात की जाए तो भारत में जिसे रामसेतु कहा जाता है उसे विश्व में एडम ब्रिज के नाम से जाना जाता है जो कि दक्षिणपूर्व में भारत के रामेश्वरम से शुरू होकर श्रीलंका के पूर्वोत्तर में मन्नार दीप तक करीब 30 मील लंबा है।
 
इस सेतु यानि ब्रिज के आस्तित्व को वैज्ञानिक स्तर पर मान्यता प्रदान की जा चुकी है। चंद लोगों द्वारा यहां तक कहा दिया कि भगवान श्री राम के इस सेतु का कोई अस्तित्व नहीं है और उन्होंने भगवान श्री राम को काल्पिनिक करार दिया। राम सेतु की सत्यता भी विश्व को माननी पड़ी व अंततः करोड़ों भारतीयों की जीत हुई और आयोध्या में श्री राम जन्म भूमि पर भव्य मंदिर की आधारशिला रखी गई। 
 
दीपावली महापर्व पर, भगवान श्रीराम के श्रीचरणों में एक बार पुनः नमन करते हुए मां लक्ष्मी से प्रार्थना करता हूं कि वह आपको धन-धान्य से परिपूर्ण करे, सुख और समृद्धि प्रदान करे।