अग्निवीर भर्ती प्रक्रिया के खिलाफ एसएफआई व डीवाईएफआई का राजभवन के बाहर प्रदर्शन 

केंद्र सरकार द्वारा लागू की गई सेना में नई भर्ती प्रक्रिया अग्निवीर का विरोध छात्र भी करने लगे है।एसएफआई वडीवाईएफआई ने शुक्रवार को राजभवन के बाहर प्रदर्शन किया

अग्निवीर भर्ती प्रक्रिया के खिलाफ एसएफआई व डीवाईएफआई का राजभवन के बाहर प्रदर्शन 

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला    17-06-2022

केंद्र सरकार द्वारा लागू की गई सेना में नई भर्ती प्रक्रिया अग्निवीर का विरोध छात्र भी करने लगे है।एसएफआई वडीवाईएफआई ने शुक्रवार को राजभवन के बाहर प्रदर्शन किया और इस भर्ती प्रक्रिया को रद्द कर पुरानी भर्ती प्रक्रिया लागू करने की मांग कि। 

एसएफआई ने  केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में घोषित की नई सैन्य भर्ती योजना अग्निपथ को एक आपदा माना है व भारत की संप्रभुता के लिए खतरा बताया है।
एसएफआई के राज्य सचिव अमित ठाकुर ने बताया कि केंद्र सरकार ने  पिछले दो वर्षों से नियमित सैन्य भर्ती नहीं करवाई है। जिसके चलते 2021 तक भारतीय सेना में 104,653 कर्मियों की कमी थी। 

इन पदों को भरने की बजाए केंद्र सरकार ने अब क्षेत्रीय कोटा को पूरी तरह से खत्म करने का फैसला किया है, और 6 महीने की प्रशिक्षण अवधि सहित चार साल की अल्प-अवधि की भर्ती योजना के साथ जाने का फैसला किया है। चार साल बाद लगभग तीन-चौथाई सैनिक बिना पेंशन या ग्रेच्युटी के सेवानिवृत्त हो जाएंगे।

इस नीति के परिणामस्वरूप हर साल अन्य काम की तलाश में लगभग 35,000 बेरोजगार और शामिल होंगे, जिससे समय के साथ समाज का सैन्यीकरण होगा। यह नीति हमारी संप्रभुता की रक्षा करने वाले सुरक्षा बलों के मनोबल और व्यावसायिकता को भी काफी प्रभावित करेगी। सशस्त्र बलों ने हर साल लाखों युवाओं के लिए सुरक्षित और दीर्घकालिक रोजगार के स्रोत भी प्रदान किए है। 

यह नीति इस संभावना को भी खत्म कर लेंगी ।यह नीति केंद्र की मोदी सरकार द्वारा अपनाए जाने वाले नव-उदारवादी रास्ते के तहत हर संभव कार्य का संविदाकरण करने की योजना में शामिल है। इस नीति के परिणाम स्वरूप देश में कामकाजी लोगों की नौकरी की सुरक्षा और वित्तीय स्थिरता का पूर्ण विनाश होना निश्चीत है। 

इस नीति के माध्यम से सरकार ने दुनिया की साम्राज्यवादी ताकतों द्वारा प्रशिक्षित और बेरोजगार सैनिकों की भाड़े पर भर्ती के दरवाजे भी खोल दिए हैं। अमित ने कहा कि सरकार कोरोना काल मे रद्द हुई भर्तियों को फिर से भरे ओर इस दौरान ओवर एज हुए अभ्यार्थियों को फिर से फॉर्म भरने का मौका दे। यदि उनकी मांग नही मानी जाती तो आने वाले समय मे उग्र आंदोलन किया जाएगा।