वन अधिकारीयों पर वन मंत्री राकेश पठानिया हुए लाल बोले, क्या सरकार के आदेशों को नहीं मानते डीएफओ
यंगवार्ता न्यूज़ - हमीरपुर 05-12-2020
प्रदेश वन विभाग में तबादला आदेशों का 20 दिन बाद भी पालन न करने पर वन मंत्री राकेश पठानिया ने कड़ा संज्ञान लिया। शनिवार को हमीरपुर में वन विभाग के अधिकारियों की जमकर क्लास ली।
उन्होंने डीएफओ से कहा कि तबादले के बावजूद आपने पद क्यों नहीं छोड़ा, क्या आप सरकार के आदेशों को नहीं मानते। निर्देश दिए कि अगले सप्ताह तक डीएफओ अपने-अपने पद संभालेंगे। अन्यथा, कड़ी कार्रवाई होगी। सरकार ने 17 नवंबर को 12 वन अधिकारियों के तबादला आदेश किए थे। डीएफओ हमीरपुर डॉ. एलसी बंदना को वन विकास निगम हमीरपुर के मंडलीय प्रबंधक, निगम के मंडलीय प्रबंधक अमित शर्मा को डीएफओ हेडक्वार्टर पद पर बदला था।
अमित शर्मा के डीएफओ पद पर ज्वाइन करने के बावजूद डॉ. एलसी बंदना ने वन विकास निगम में ज्वाइन नहीं किया। मंत्री ने कहा कि सरकार कोरोना संक्रमण से लोगों को बचाने के लिए गंभीरता से काम कर रही है। एक सवाल पर पठानिया ने कहा कि कुछ जिलों में उपायुक्त और पुलिस अधीक्षकों के वाहनों में नीली बत्ती का मामला मुख्यमंत्री से उठाया जाएगा। मैंने भी खुद यह बात नोटिस की है। उन्होंने कहा कि केसीसी बैंक चेयरमैन मामले में शनिवार सुबह ही सूचना मिली।
पूर्व में जो निदेशक चुनकर आते थे, उन्हीं में से चेयरमैन चुना जाता था, लेकिन पूर्व कांग्रेस सरकार ने अपने कार्यकाल में कैबिनेट बैठक में संशोधन किया है। उन्होंने कहा कि निर्वाचित निदेशक मामले में अपना पक्ष रख सकते हैं। सरकार से मामले को उठाया जाता है तो बैठकर बात करेंगे।
वैसे अगर सरकार ने राजीव भारद्वाज को चेयरमैन मनोनीत किया है तो उसमें गलत कुछ भी नहीं। विपक्ष के शीत सत्र का मामला उठाने पर पठानिया ने कहा कि प्रदेश में मानसून सत्र में 10 दिन चला। प्रश्नकाल में कांग्रेस ने एक भी मुद्दा नहीं उठाया। सरकार ने कैबिनेट बैठक में धर्मशाला में शीत सत्र की अनुमति दी थी। होटल बुक हो चुके थे। शिमला से टीमें धर्मशाला रवाना हो गई थीं, लेकिन कोरोना मामले और इससे मौतें बढ़ने से सरकार ने सत्र को रद्द किया। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री को छोड़ प्रदेश के बच्चे-बच्चे ने इस फैसले का स्वागत किया।