यंगवार्ता न्यूज़ - कुल्लू 09-10-2020
अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा में इस बार न तो विश्व रिकॉर्ड में शामिल हजारों महिलाओं की कुल्लवी नाटी होगी और न ही सांस्कृतिक संध्याएं होंगी। कोरोना काल में देव परंपरा का ही निर्वहन किया जाएगा। कोरोना के चलते कोरोना के कारोबार वाले इस उत्सव में रौनक गायब रहेगी।
हालांकि, कई लोग दशहरा को धूमधाम से मनाने की बात कह रहे हैं, लेकिन कोरोना काल में ऐसा संभव नहीं लगता। सात दिन तक चलने वाले देव महाकुंभ में देवी-देवताओं की भागीदारी महत्वपूर्ण रहती है। हजारों लोग देवताओं से आशीर्वाद लेते हैं।
हर साल दशहरा उत्सव समिति लोगों के मनोरंजन को कलाकेंद्र में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन करती है। इसमें विदेशी सांस्कृतिक दल, बॉलीवुड के स्टार गायक तथा कई राज्यों के लोक कलाकार प्रस्तुति देते हैं। विश्व रिकॉर्ड में शामिल कुल्लवी नाटी भी डाली जाती है।
मान सिंह, दुनी चंद, अनिल, शेर सिंह, प्रकाश ठाकुर तथा मोहन ठाकुर ने कहा कि कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। ऐसे में दशहरा में अधिक भीड़ जुटना लोगों के स्वास्थ्य के लिए खतरा हो सकता है।
उपायुक्त डॉ. ऋचा वर्मा ने कहा कि सरकार के आदेशों के अनुसार ही दशहरा का आयोजन किया जाएगा। अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा के आयोजन को लेकर 12 अक्तूबर को देव सदन में बैठक होगी। इसकी अध्यक्षता शिक्षा मंत्री एवं अध्यक्ष दशहरा उत्सव समिति गोविंद ठाकुर करेंगे। इसमें दशहरा के आयोजन को लेकर चर्चा की जाएगी।
उपायुक्त डॉ. ऋचा वर्मा ने बताया कि इसी दिन दोपहर दो बजे देवसदन में जिला कल्याण विभाग की ओर से अनुसूचित जाति विशेष घटक योजना के क्रियान्वयन को लेकर वर्तमान वित्तीय वर्ष की प्रथम तिमाही से संबंधित प्रगति समीक्षा बैठक होगी। इसकी अध्यक्षता भी शिक्षा मंत्री करेंगे।