अंतरराष्ट्रीय भाषाओं में होगा गुरु नानक के संदेश का अनुवाद , यूनेस्को करेगा प्रचार - प्रसार
न्यूज़ एजेंसी - नई दिल्ली 30-11-2020
सरकार ने गुरु नानक देव के 551वें प्रकाश पर्व पर सिख समुदाय के कल्याण की दिशा में मोदी सरकार के कदमों पर आज एक पुस्तिका जारी की और घोषणा की कि संयुक्त राष्ट्र सिखों के प्रथम गुरू के संदेश को विभिन्न अंतरराष्ट्रीय भाषाओं में अनुवाद कराके विश्व के कोने-कोने में पहुंचाएगा।
केंद्रीय शहरी विकास, गरीबी उन्मूलन एवं नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी तथा सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने हिंदी, अंग्रेजी एवं पंजाबी भाषा में प्रकाशित इस पुस्तिका को एक संक्षिप्त समारोह में जारी किया। इस मौके पर सूचना प्रसारण सचिव अमित खरे भी मौजूद थे।
विमोचन के मौके पर डा. पुरी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के सहस्राब्दि विकास लक्ष्यों (एसडीजी) और मोदी सरकार के विकास के एजेंडे में गुरु नानक देव की शिक्षाएं समाहित हैं। पांच सदी पहले गुरु नानक देव ने पर्यावरण को लेकर जो संदेश दिये, वे सभी एसडीजी और केंद्र सरकार के एजेंडे में शामिल हैं। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र शैक्षणिक वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) गुरु नानक की शिक्षाओं को विश्व की विभिन्न भाषाओं में अनुवाद करायेगा।
उन्होंने बताया कि ब्रिटेन के बर्मिंघम विश्वविद्यालय में गुरु साहिब के नाम पर एक पीठ स्थापित की गई है। इसी प्रकार कनाडा के एक विश्वविद्यालय में भी ऐसी ही गुरु नानक पीठ स्थापित की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के सिख समुदाय के साथ अटूट संबंध हैं। उनकी सरकार ने पहली बार ऐसे कदम उठाए हैं, जिनसे सिख समुदाय गौरवान्वित महसूस कर रहा है।
सिखों के तीर्थों को हवाई एवं रेल कनेक्टिविटी प्रदान की गई है। लंगर पर हर प्रकार का टैक्स हटाया गया है। दरबार साहिब में विदेशी दान आने की सुविधा दी गई है। 1984 के सिख दंगों के दोषियों को पहली बार एसआईटी जांच के बाद सजा दिलवाई जा रही है। करतारपुर कोरीडोर को खोलने का निर्णय होने पर रिकॉर्ड समय में सुविधाएं तैयार की गईं।
आतंकवाद के दौर में बहुत से लोगों के नाम कालीसूची में डाले गए थे, उनकी समीक्षा करके तमाम नामों को हटाया गया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की विशेषता है कि उसने सिखों के लिए जो भी संकल्प लिए, उन्हें हर हाल में क्रियान्वित किया।