अब आने लगे इन्वेस्टर मीट के परिणाम, हिमाचल को बल्क ड्रग फार्मा पार्क का इंतजार
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 01-07-2021
कोरोना महामारी के कारण हिमाचल में निवेश भी प्रभावित हुआ है। निवेश को आकर्षित करने के लिए बेशक सरकार ने लैंड बैंक का गठन किया है, बावजूद इसके बड़े निवेशकों का इंतजार है। दस हजार करोड़ की ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के साथ-साथ प्रदेश बल्क ड्रग फार्मा पार्क के आवंटन का इंतजार कर रहा है।
हिमाचल में 2019 में पहली बार इन्वेस्टर मीट का आयोजन धर्मशाला में हुआ। इस दौरान कोरोना संक्रमण को लेकर किसी ने कल्पना भी नहीं की थी। निवेशक महासम्मेलन में करीब 96 हजार करोड़ के निवेश प्रस्तावों को लेकर एमओयू हुए।
एमओयू के साथ ही 13 हजार करोड़ की ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी आयोजित की गई। निवेशकों को प्रदेश में औद्योगिक प्लाट खरीदने के लिए जगह जगह न भटकना पड़े। इस मकसद से सरकार ने लैंड बैंक बनाने की योजना तैयार कर उसे अमलीजामा पहनाया।
बीते रोज हुई स्वर्णिम हिमाचल दृष्टि पत्र की मंत्रिमंडलीय उप-समिति की बैठक में चर्चा के बाद उप-समिति के अध्यक्ष शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने बताया कि प्रदेश में करीब 35 हजार एकड़ भूमि विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों में लैंड बैंक में उपलब्ध है।
जाहिर है कि प्रदेश में निवेशकों को मांग पर औद्योगिक प्लाट देने को सरकार तैयार है, मगर कोरोना संक्रमण ने अर्थव्यवस्था के साथ साथ निवेश को प्रभावित किया। हालांकि प्रदेश के लिए राहत की बात यह है कि एसएमपीपी ग्रुप यहां टैंक व तोप बनाने का कारखाना लगाने को लेकर एमओयू कर चुका है, बावजूद इसके अन्य क्षेत्रों में निवेश कम हो रहा है।
शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज का कहना है सरकार निवेशकों को आकर्षित करने के मद्देनजर इन्वेस्टर मीट कर चुकी है। अब बल्क ड्रग फार्मा पार्क के आवंटन का इंतजार है। प्लास्टिक उद्योग को मंजूरी का भी सरकार इंतजार कर रही है।
पर्यटन इकाइयों के लिए बद्दी, झटिंगरी , सुकेती, बिलासपुर व कुल्लू जिलों में स्थापित भूमि बैंक है। इसके अलावा उद्योगों को मांग पर करीब एक हजार प्लाट कभी भी मिल सकते हैं। हाउसिंग प्रोजेक्टों के लिए भी भूमि उपलब्ध है। बल्क ड्रग फार्मा पार्क के लिए भी सरकार ने भूमि चिन्हित की हुई है।