अब कांग्रेस की हुई भाजपा नेत्री दयाल प्यारी, सीधे दिल्ली दरबार से हुई कांग्रेस में एंट्री 

अब कांग्रेस की हुई भाजपा नेत्री दयाल प्यारी, सीधे दिल्ली दरबार से हुई कांग्रेस में एंट्री 

हिमाचल कांग्रेस प्रभारी शुक्ला का पहला बड़ा धमाका भाजपा को दिया बेवफाई का सिला 

यंगवार्ता न्यूज़ - नाहन   01-04-2021

आखिरकार भाजपा को उसकी बेवफाई का सिला मिल ही गया। पच्छाद से भाजपा से बागी होकर उपचुनाव लड़ने वाली दयाल प्यारी कांग्रेस में शामिल हो गईं। यह सब इतना गुपचुप हुआ कि हिमाचल के कांग्रेसियों को भी इसकी भनक नहीं लगी । सिवाए पीसीसी चीफ कुलदीप राठौर के इसकी जानकारी किसी को नहीं थी। इसे सीधे तौर पर बुजुर्ग हो चुके गंगू राम मुसाफिर की पच्छाद में रिप्लेसमेंट के नजरिये से देखा जा रहा है। 

वीरभद्र सिंह भक्त रहे मुसाफिर के लिए अब टिकट की जंग में चुनौती मिलती नजर आ रही है। दयाल प्यारी को कांग्रेस में शामिल करने के लिए हर हलचल दिल्ली दरबार में ही हुई। इस से सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि अगली रणनीति भी कितनी पुख्ता होगी। 

दिल्ली में उनको पार्टी की सदस्यता हिमाचल कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला और पवन बंसल ने दी। जाहिर है कि तार हाईकमान से जुड़े और धमाका हिमाचल की सियासत में हो गया। खैर,अब सिरमौर की सियासत से लेकर शिमला तक हलचल मच गई है। दयाल प्यारी की कांग्रेस में एंट्री से जहां भाजपा में भूकंप आ गया है। 

वहीं प्रदेश कांग्रेस में भी यह सुनामी से कम नहीं है। सिरमौर के पच्छाद निर्वाचन क्षेत्र से ताल्लुक रखने वाली दयाल प्यारी के कांग्रेस में आने से कई राजनीतिक समीकरण बदल सकते हैं। विधानसभा के उप चुनाव में भाजपा से बगावत करने के बाद दयाल प्यारी ने विधानसभा चुनाव लड़ा था। कांग्रेस के शीर्ष नेता गंगूराम मुसाफिर को लगातार हार का सामना करना पड़ रहा है। 

विधानसभा के उपचुनाव में हालांकि दयाल प्यारी तीसरे स्थान पर रही ,  लेकिन 21. 56 प्रतिशत वोट के साथ 11651 वोट हासिल कर अपनी ताकत का अहसास करवा दिया था। कांग्रेस ने भी अब दयाल प्यारी को अपने पाले में लाकर दलित कार्ड खेला है। अनुसूचित जाति से ताल्लुक रखने वाली दयाल प्यारी ने उस समय भी इस बात का ऐलान कर दिया था कि वो 2022 का विधानसभा चुनाव लडेगी। 

तीन बार जिला परिषद का चुनाव जीत चुकी दयाल प्यारी एक बार जिला परिषद की चेयरपर्सन भी रही है। खास बात यह भी थी कि वो तीन अलग.अलग वार्डों से जिला परिषद का चुनाव जीती थी। हाल ही के पंचायतीराज चुनाव में बागपशोग की जिला परिषद सीट पर भाजपा को हार का सामना करना पड़ा। यहां से जीती निर्दलीय उम्मीदवार ने लाख कोशिशों के बाद भी भाजपा को समर्थन नहीं दिया। यंगवार्ता न्यूज़ से फोन पर दयाल प्यारी ने कहा कि कांग्रेस मुख्यालय में पार्टी को ज्वाइन किया है। 

कौन है दयाल प्यारी
दयाल प्यारी सिरमौर जिले के पच्छाद की डीलमन पंचायत के कुजी गांव की रहने वाली हैं वह लगातार तीन बार जिला परिषद की सदस्य रह चुकी हैं दयाल प्यारी जब हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी तब सिरमौर जिला परिषद की चेयरपर्सन भी रही थी। 

सिरमौर जिले के पच्छाद विधानसभा क्षेत्र को लेकर हुए उपचुनाव 2019 में दयाल प्यारी के भाजपा प्रत्याशी होने की प्रबल संभावना थी , लेकिन बाद में भाजपा ने उनके बजाया रीना कश्यप को टिकट दिया था फिर दयाल प्यारी बागी हो गई थी और उन्होंने आजाद चुनाव लड़ा था हालांकि वह चुनाव जीत नहीं पाई थी विधानसभा के उपचुनाव में हालांकि दयाल प्यारी तीसरे स्थान पर रही , लेकिन 21. 56 प्रतिशत वोट के साथ 11651 वोट हासिल कर अपनी ताकत का अहसास करवा दिया था।

भाजपा से क्यों हुआ था निष्कासन 

गौर हो कि वर्ष  2019 में सराहा में आयोजित मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में भाजपा नेता और वर्तमान राज्य सहकारी बैंक के निदेशक बलदेव भंडारी ने सीएम की जनसभा में दयाल प्यारी को धक्का दिया था , जिसकी वीडियो सोशल मीडिया पर भी जमकर वायरल हुई।  उसके बाद दयाल प्यारी ने सराहां पुलिस थाने में भाजपा नेता बलदेव भंडारी के खिलाफ एट्रोसिटी के तहत मामला दर्ज करवाया था।  

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से नजदीकियों के चलते बलदेव भंडारी के खिलाफ भाजपा ने तो कोई कार्रवाही नहीं की , उल्टा दयाल प्यारी का न केवल उपचुनाव से टिकट काटा गया , बल्कि छह साल के लिए भाजपा से भी निष्कासित कर दिया गया।  जिसके कारण दयाल प्यारी ने पच्छाद ने बतौर आजाद प्रत्याशी चुनाव लड़ा।