यंगवार्ता न्यूज़ - देहरादून 18-10-2020
उत्तराखंड में अब आबादी में घुसने वाले तेंदुए को बचाकर वन विभाग उन पर रेडियो कॉलर लगाएगा, ताकि तेंदुओं की गतिविधियों पर नजर रखकर मानव वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं पर लगाम लगाई जा सके। हाल ही में हरिद्वार में वन विभाग ने एक तेंदुए को बचाने के बाद उस पर रेडियो कॉलर लगाया है।
रामनगर वन प्रभाग और तराई पश्चिमी वन प्रभाग क्षेत्र में करीब छह हजार से अधिक तेंदुए मौजूद हैं। आबादी क्षेत्र में इन दिनों तेंदुओं का आतंक बढ़ता ही जा रहा है। तेंदुए अब तक कई लोगों को निवाला बना चुके हैं। तेंदुओं के हमलों पर अंकुश लगाना वन विभाग के लिए चुनौती बनता जा रहा है।
इसे देखते हुए वन विभाग तेंदुओं की पल-पल की खबर रखने के लिए रेडियो कॉलर लगाने की योजना बना रहा है। रेडियो कॉलर लगाने के लिए चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन की अनुमति जरूरी है। तराई पश्चिमी वन प्रभाग के डीएफओ हिमांशु बागरी ने बताया कि जिस क्षेत्र में तेंदुए का आतंक ज्यादा होगा, वहां टीम पहले उसे बचाएगी।
उसके बाद चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन की अनुमति मिलने पर रेडियो कॉलर लगाया जाएगा, जिससे तेंदुए की गतिविधियों और उसके व्यवहार पर अध्ययन किया जा सके। जंगल से शहर या गांव में घुसने वाले तेंदुओं को पकड़ने में वन विभाग को कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है।
वन विभाग के ऑपरेशन के दौरान कभी तेंदुआ उग्र होकर भीड़ पर भी हमला कर देता है। अब जीपीएस से जुड़ा रेडियो कॉलर लगाने से यह पता चलेगा कि तेंदुआ कहां घूम रहा है।